अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के अतरौली में 30 अगस्त को सैनिकों और पुलिस कर्मियों के बीच हुई मारपीट की घटना ने तनाव बढ़ा दिया है। इस मामले में सैनिकों के समर्थन में रविवार को कोतवाली पर भीड़ जमा हो गई और जमकर हंगामा किया। परिजनों का आरोप है कि हिरासत में लिए गए दो सैनिकों, अनिल कुमार और अजीत कुमार, को उनकी पत्नी और परिवार वालों से मिलने नहीं दिया जा रहा है। साथ ही, उनके ठिकाने की जानकारी भी नहीं दी गई है।

क्या है पूरा मामला?

घटना 30 अगस्त की दोपहर करीब 3 बजे की है। अतरौली कस्बे के मोहल्ला नगाइचपाड़ा निवासी अनिल कुमार और अजीत कुमार, जो भारतीय सेना में कार्यरत हैं, अवकाश पर अपने घर आए थे। दोनों भाई अपनी पत्नियों के साथ बाजार में खरीदारी के लिए गए थे। परिजनों और ग्रामीणों के अनुसार, बाजार में उनकी मुलाकात परिचित हरेंद्र और जीतू (मोहल्ला ऊंचान निवासी) से हुई। इन दोनों ने सैनिकों को बताया कि उनके साथ हुई एक मारपीट की घटना में पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

इसके बाद अनिल और अजीत घंटाघर स्थित कस्बा पुलिस चौकी पहुंचे और चौकी इंचार्ज संदीप वर्मा से बात की। इस दौरान दरोगा सत्यप्रकाश तोमर भी वहां आ गए। सैनिकों ने पुलिस पर रुपये लेकर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया, जिसके बाद बहस शुरू हुई और बात मारपीट तक पहुंच गई। सैनिक अजीत की पत्नी ने पुलिस पर मारपीट का आरोप भी लगाया है।

पुलिस और सेना के बीच तनाव

घटना के बाद कोतवाली में भारी भीड़ जमा हो गई, जिसके चलते पुलिस और पीएसी को तैनात करना पड़ा। कोतवाल और एसपी ट्रैफिक प्रवीण कुमार आर्मी अधिकारियों के साथ बातचीत कर मामले को शांत करने की कोशिश में जुटे हैं। परिजनों का कहना है कि सैनिकों को हिरासत में लेने के बाद से उनकी कोई जानकारी नहीं दी जा रही, जिससे आक्रोश बढ़ रहा है।

एसएसपी का बयान

अलीगढ़ के एसएसपी संजीव सुमन ने बताया कि 30 अगस्त को अतरौली थाने में सैनिकों और पुलिस कर्मियों के बीच कहासुनी हुई थी, जो मारपीट तक पहुंच गई। उन्होंने कहा, “सैनिकों ने पहले हाथ उठाया था, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की। रविवार को पूर्व सैनिकों और परिजनों ने थाने पर अपनी मांगें रखीं। सभी पक्षों को घटना से संबंधित वीडियो दिखाए गए, जिसके बाद उनकी आपत्तियां दूर की गईं।”

एसएसपी ने आगे बताया कि एक पुलिसकर्मी द्वारा सैनिक को नियंत्रित करने के दौरान पैर से प्रहार किया गया था, जिस पर परिजनों ने आपत्ति जताई। इस मामले में संबंधित पुलिसकर्मी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। दोनों सैनिकों को रिमांड पर लिया गया है, और कोर्ट में प्रक्रिया पूरी की जा रही है। सभी पक्षों की सहमति के बाद मामला शांत कर लिया गया है।

तनावपूर्ण माहौल

हालांकि प्रशासन का दावा है कि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन स्थानीय लोगों और सैनिकों के परिजनों में गुस्सा बना हुआ है। कोतवाली पर पुलिस और पीएसी की तैनाती के साथ ही सेना के अधिकारियों की मौजूदगी से माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।

आगे की कार्रवाई

पुलिस ने इस मामले में निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है। वीडियो फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, सैनिकों और पुलिस के बीच तनाव को कम करने के लिए सेना और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच समन्वय स्थापित किया जा रहा है।

यह घटना न केवल अतरौली, बल्कि पूरे जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है। स्थानीय लोग इस मामले में पारदर्शी जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

 

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