आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में यमुना नदी के किनारे बसे रिहायशी इलाकों में बाढ़ का कहर जारी है। लगातार बारिश और हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से तीन फीट ऊपर बह रहा है। इस आपदा ने यमुनापार के फाउंड्री नगर और गोकुल नगर में एक परिवार का सब कुछ छीन लिया, जब मंगलवार देर रात उनके मकान का एक हिस्सा नदी में समा गया।

परिवार का घर और सपने बह गए

फाउंड्री नगर, गोकुल नगर निवासी कंचन समगौर के परिवार का मकान मंगलवार देर रात यमुना के तेज बहाव की भेंट चढ़ गया। मकान का एक कमरा, किचन, बालकनी और बाथरूम ढह गया, जिसमें कंचन की शादी के लिए रखा करीब ढाई लाख रुपये का सामान और जेवरात भी पानी में बह गए। कंचन अपनी मां उर्मिला देवी, बहन गुंजन और अन्य चार परिजनों के साथ रहती हैं। छह साल पहले उनके पिता ताराचंद की पैरालिसिस से मृत्यु हो गई थी। कंचन बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर परिवार का भरण-पोषण करती हैं।

प्रॉपर्टी डीलर पर धोखाधड़ी का आरोप

परिवार ने 2019 में बल्केश्वर निवासी प्रॉपर्टी डीलर लोकेश दिवाकर से पांच लाख रुपये में यह मकान खरीदा था। रजिस्ट्री के बाद पता चला कि मकान डूब क्षेत्र में है। परिवार का आरोप है कि डीलर ने उन्हें कॉलोनी बताकर धोखे में रखा। कर्ज लेकर बनाए गए इस मकान के ढहने से परिवार की आर्थिक स्थिति और खराब हो गई है।

शादी की चिंता

उर्मिला देवी ने बताया कि कंचन की शादी दिवाली के बाद तय थी, लेकिन बाढ़ में शादी का सामान और जेवरात बह जाने से अब शादी की तैयारियां अधर में लटक गई हैं। परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई है।

प्रशासन का दौरा

सूचना मिलने पर प्रशासनिक अधिकारी और एत्मादपुर विधायक धर्मपाल सिंह मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने प्रभावित परिवार को राहत शिविर में स्थानांतरित करने और सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है। जिला प्रशासन ने बताया कि बाढ़ के कारण आगरा में कई रिहायशी इलाके प्रभावित हैं, और राहत कार्य जोर-शोर से चल रहे हैं।

यमुना की बाढ़ का कहर

हथिनीकुंड बैराज से हाल ही में 3.29 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिसके कारण यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा। आगरा में नदी का जलस्तर 493.5 फीट तक पहुंच गया, जो निम्न बाढ़ स्तर (495 फीट) के करीब है। फाउंड्री नगर, गोकुल नगर सहित कई इलाकों में पानी घरों और सड़कों तक पहुंच गया है। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर स्थापित किए हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम जारी है।

सरकार से मदद की मांग

प्रभावित परिवार और स्थानीय निवासियों ने सरकार से तत्काल राहत और पुनर्वास की मांग की है। साथ ही, डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण और प्रॉपर्टी डीलरों की धोखाधड़ी पर सख्त कार्रवाई की मांग भी उठ रही है।

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