आगरा: केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जारी स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 की रिपोर्ट में आगरा ने 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में तीसरा स्थान हासिल किया है। इस श्रेणी में इंदौर ने पहला और जबलपुर ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। गौरतलब है कि आगरा ने पिछले वर्ष 2024 के सर्वेक्षण में भी तीसरा स्थान प्राप्त किया था, जो शहर की वायु गुणवत्ता में निरंतर सुधार को दर्शाता है।
2011 की जनगणना के आधार पर शहरों को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया था। 10 लाख से अधिक आबादी वाले 48 शहरों में आगरा ने यह उपलब्धि हासिल की। इस श्रेणी में कानपुर को पांचवां, इलाहाबाद को सातवां, चंडीगढ़ को आठवां, वाराणसी को 11वां, गाजियाबाद को 12वां और लखनऊ को 15वां स्थान मिला।
सर्वेक्षण में स्थानीय निकायों की स्वयं मूल्यांकन रिपोर्ट और एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग कमेटी के आकलन को आधार बनाया गया। मूल्यांकन में ठोस कचरा जलाने, सड़कों पर धूल, निर्माण और ध्वस्तीकरण से उत्पन्न कचरा, वाहनों का धुआं, और औद्योगिक प्रदूषण सहित आठ क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया।
सर्वेक्षण का उद्देश्य
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य वायु प्रदूषण के प्रति जागरूकता बढ़ाना, खराब हवा के स्वास्थ्य पर प्रभाव को कम करना, शहरों की वायु गुणवत्ता की तुलना करना और सभी के लिए स्वच्छ हवा के लक्ष्य को प्राप्त करना है।
आगरा की उपलब्धि
आगरा ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए किए गए प्रयासों, जैसे वाहन उत्सर्जन में कमी, निर्माण गतिविधियों पर नियंत्रण और ठोस कचरे के प्रबंधन में सुधार के कारण यह स्थान हासिल किया। स्थानीय प्रशासन और नागरिकों की भागीदारी को इस उपलब्धि का श्रेय दिया जा रहा है।
आगरा के नगर निगम अधिकारी ने कहा, “यह उपलब्धि शहरवासियों और प्रशासन के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। हम भविष्य में और बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
चुनौतियां और भविष्य
हालांकि आगरा ने उल्लेखनीय प्रगति की है, लेकिन वाहनों की संख्या में वृद्धि और औद्योगिक गतिविधियों से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करना अभी भी चुनौती बना हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि स्वच्छ ऊर्जा और हरित परिवहन को बढ़ावा देकर आगरा अगले सर्वेक्षण में और बेहतर स्थान प्राप्त कर सकता है।