अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में स्वास्थ्य विभाग के काले कारनामों की पोल खुल रही है। सोशल मीडिया पर एक युवक का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उसने जिला मलखान सिंह चिकित्सालय के बाहर खड़े होकर रक्तदान के नाम पर हो रही वसूली का खुलासा किया है। युवक का नाम रिजवान खान है, जिसकी पत्नी सीएचसी जवां में भर्ती थीं। उन्होंने बताया कि अस्पताल में खून लेने के लिए 3,000 रुपये देने पड़े, जबकि वे दो महीने पहले ही रक्तदान कर चुके थे। जब इसकी शिकायत सीएमओ कार्यालय में की गई, तो धमकी मिली और पीड़ित को भगा दिया गया। रिजवान ने सरकार और आला अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है। यह वीडियो स्वास्थ्य सेवाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर कर रहा है, और अब जांच की मांग तेज हो गई है।
वीडियो में रिजवान खान का दावा
- घटना का विवरण: रिजवान ने वीडियो में कहा, “मेरा नाम रिजवान खान है। मेरी पत्नी सीएचसी जवां पर भर्ती थी, उसके लिए खून की जरूरत थी। मैं मलखान सिंह चिकित्सालय गया। वहां बताया कि दो महीने पहले मेडिकल कॉलेज में रक्तदान किया था। बदले में खून देने को कहा, लेकिन स्टाफ ने मना कर दिया। कहा कि अगर 10 हजार रुपये का जुगाड़ कर लो, तो खून मिल जाएगा। मैंने 3,000 रुपये दिए, तब जाकर खून मिला।”
- शिकायत और धमकी: रिजवान ने सीएमओ से शिकायत की, तो जवाब मिला – “बदले में खून नहीं दोगे तो रुपये तो देने ही पड़ेंगे।” रसीद मांगने पर फटकार लगाई गई और भगा दिया गया। व्हाट्सएप पर शिकायत करने पर भी अजीब जवाब आया।
- भ्रष्टाचार का आरोप: युवक ने कहा कि लोग रक्तदान करते हैं, लेकिन जिला अस्पताल में इसे ब्लैक मार्केट में बेचा जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग में रक्तदान के नाम पर खुलेआम भ्रष्टाचार हो रहा है।
वायरल वीडियो का प्रभाव
यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों में गुस्सा भड़क गया है। नेटिजन्स ने स्वास्थ्य मंत्री और सीएम योगी आदित्यनाथ को टैग कर जांच की मांग की है। अलीगढ़ में पहले भी अस्पतालों में अनियमितताओं के मामले सामने आ चुके हैं, जैसे अगस्त 2025 में सहायक निदेशक स्वास्थ्य के निरीक्षण में निजी अस्पतालों में गंभीर खामियां पाई गईं। इस घटना ने जिला चिकित्सालय की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
स्वास्थ्य विभाग का पक्ष
जिला चिकित्सालय और सीएमओ कार्यालय से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, स्थानीय स्रोतों के अनुसार, मामले की जांच शुरू हो गई है। डीएम अलीगढ़ ने कहा कि यदि आरोप सिद्ध हुए, तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी। रक्तदान प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी करने की बात कही जा रही है।
विशेष बिंदु
- रक्तदान नीति: उत्तर प्रदेश में रक्तदान के बदले खून मिलना चाहिए, लेकिन 3 महीने का अंतराल होने पर वसूली के मामले आम हैं। सरकार ने रक्त बैंक में सुधार के लिए कदम उठाए हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर भ्रष्टाचार बरकरार है।
- पीड़ित की अपील: रिजवान ने कहा, “सरकार को इसे देखना चाहिए। गरीब मरीजों को न्याय मिले।”
- सामाजिक जागरूकता: यह वीडियो रक्तदान को प्रोत्साहित करने के बजाय भ्रष्टाचार का शिकार बना रहा है, जिससे दान करने वालों में हतोत्साह फैल रहा है।