लखनऊ (24 दिसंबर 2025): राजधानी लखनऊ में भाजपा के दर्जनभर ब्राह्मण विधायकों की बैठक ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। यह बैठक कुशीनगर से भाजपा विधायक पी.एन. पाठक के लखनऊ स्थित आवास पर हुई, जिसे पार्टी ने साधारण ‘सहभोज’ बताया है। लेकिन विपक्ष ने इसे भाजपा के अंदर ब्राह्मण असंतोष का संकेत करार दिया है।
कांग्रेस का तीखा हमला
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने भाजपा को घेरते हुए कहा कि यह बैठक इस बात का सबूत है कि पार्टी में ब्राह्मण समुदाय खुद को किनारे और कमजोर महसूस कर रहा है।
अजय राय ने आगे कहा, “भाजपा में ब्राह्मणों को पहले जैसा सम्मान नहीं मिल रहा। पार्टी को मजबूत करने में ब्राह्मण समाज की बड़ी भूमिका रही है, लेकिन अब माहौल ऐसा बना दिया गया है कि वे नजरअंदाज महसूस कर रहे हैं। इसी लिए उन्हें एकजुट होकर बैठक करनी पड़ी।”
बैठक में कौन शामिल?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बैठक में पूर्वांचल और बुंदेलखंड के कई विधायक मौजूद थे। इनमें देवरिया से शलभमणि त्रिपाठी, मिर्जापुर से रत्नाकर मिश्रा और विधान परिषद सदस्य उमेश द्विवेदी के नाम प्रमुख हैं।
हाल के दिनों में यूपी में अलग-अलग जातीय समूहों (जैसे ठाकुर विधायकों) की बैठकों ने भी चर्चाएं गरमाई थीं। अब ब्राह्मण विधायकों की यह ‘सहभोज’ आने वाले विधानसभा सत्र और 2027 चुनावों से पहले जातीय समीकरणों पर नई बहस छेड़ सकती है।
भाजपा ने इसे सामान्य आयोजन बताया है, लेकिन विपक्ष इसे पार्टी के अंदरूनी कलह का संकेत बता रहा है। सियासी तापमान बढ़ना तय है।





