लखनऊ। उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री और महाराजगंज से सात बार के सांसद पंकज चौधरी निर्विरोध रूप से नए प्रदेश अध्यक्ष चुने गए हैं। नामांकन प्रक्रिया के अंतिम समय तक किसी अन्य दावेदार ने फॉर्म जमा नहीं किया, जिससे उनका चयन तय हो गया। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा रविवार, 14 दिसंबर को लखनऊ में आयोजित भव्य समारोह में औपचारिक घोषणा की जाएगी। इस दौरान राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों के नाम, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जैसे बड़े नेता शामिल हैं, भी घोषित हो सकते हैं।

नामांकन प्रक्रिया आज लखनऊ स्थित प्रदेश कार्यालय में संपन्न हुई, जहां पंकज चौधरी ने चार सेट में नामांकन पत्र जमा किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद उनके प्रस्तावक के रूप में हस्ताक्षर किए, जबकि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक सहित संगठन महामंत्री विनोद तावड़े, पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी तथा वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी मौजूद रहे। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री, विधायक, सांसद और हजारों कार्यकर्ताओं की उपस्थिति ने इसे ऐतिहासिक बना दिया। सोशल मीडिया पर कार्यकर्ताओं द्वारा बधाइयों का सिलसिला शुरू हो गया है, जहां #PankajChaudhary और #UPBJPPresident जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
पंकज चौधरी का राजनीतिक सफर: पूर्वांचल का ‘कुर्मी चेहरा’
पंकज चौधरी, 68 वर्षीय वरिष्ठ नेता, पूर्वांचल के गोरखपुर-महाराजगंज क्षेत्र से हैं और कुर्मी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। वे 2001 से लगातार सात बार महाराजगंज से लोकसभा सांसद चुने जा चुके हैं। केंद्र में वित्त राज्य मंत्री के रूप में कार्यरत चौधरी लंबे समय से पार्टी के संगठनिक मोर्चे पर सक्रिय रहे हैं। उनका चयन बीजेपी की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जो 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले गैर-यादव ओबीसी वोटों को मजबूत करने पर केंद्रित है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, पूर्वांचल में मजबूत पकड़ रखने वाले चौधरी सीएम योगी के गढ़ को और सशक्त बनाएंगे।
नामांकन से पहले ही गोरखपुर और पूर्वांचल के जिलों में उनके समर्थकों द्वारा उत्सव का माहौल बन गया था। फेसबुक, व्हाट्सएप और एक्स (पूर्व ट्विटर) पर बधाई संदेशों की बौछार लगी रही। एक कार्यकर्ता ने एक्स पर लिखा, “पूर्वांचल का शेर मैदान में उतर गया! पंकज चौधरी जी को हार्दिक बधाई।” नामांकन समारोह के वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें सीएम योगी और अन्य नेताओं की मौजूदगी दिखाई दे रही है।
राजनीतिक निहितार्थ: 2027 चुनावों की तैयारी
वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी का कार्यकाल समाप्त होने के बाद यह पद रिक्त था। पिछले हफ्तों में कई नामों पर चर्चा चली, लेकिन चौधरी का नाम सबसे आगे रहा। केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें चुना क्योंकि वे ओबीसी चेहरा हैं और संगठन को मजबूत करने का अनुभव रखते हैं। विपक्षी दलों, विशेष रूप से सपा और कांग्रेस ने इसे ‘बीजेपी की आंतरिक मजबूती’ बताते हुए कहा कि वे पंचायत चुनावों में अकेले लड़ेंगे। लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि चौधरी के नेतृत्व में बीजेपी 2027 के चुनावों के लिए रणनीति को तेज करेगी, खासकर पूर्वांचल और ओबीसी बेल्ट में।
नामांकन के साथ 400 से अधिक सदस्यों का समर्थन जुटाया गया, जो निर्वाचन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए पर्याप्त था। लखनऊ में कल होने वाले समारोह के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, और कार्यकर्ताओं में जोश व्याप्त है। यह बदलाव उत्तर प्रदेश की राजनीति में नया अध्याय जोड़ता है, जो पार्टी की एकजुटता को दर्शाता है
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