दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की तरह ही महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह दिन न केवल प्रेरणा का स्रोत है, बल्कि राष्ट्र गर्व का पल भी है।
पीएम मोदी का संदेश: एकता के सूत्र को मजबूत करना
एकता नगर में आयोजित मुख्य समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “जिस तरह हम 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं, 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में उत्सव बनाते हैं, उसी तरह 31 अक्टूबर का एकता दिवस हमारे लिए प्रेरणा और गर्व का अवसर है।”
उन्होंने एकता नगर की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यहां एकता मॉल और एकता गार्डन जैसे प्रतीक एकता के सूत्र को और मजबूत करते नजर आते हैं। ये स्थल सरदार पटेल की विरासत को जीवंत रखते हैं और आने वाली पीढ़ियों को राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा देते हैं।
रन फॉर यूनिटी: करोड़ों भारतीयों का उत्साह
देशभर में आयोजित ‘रन फॉर यूनिटी’ दौड़ ने एक बार फिर राष्ट्र की एकजुटता का संदेश दिया। पीएम मोदी ने इसे “कोटि-कोटि भारतीयों का उत्साह” करार दिया। यह दौड़ न केवल शारीरिक फिटनेस को बढ़ावा देती है, बल्कि सरदार पटेल के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के सपने को साकार करने का माध्यम बन रही है।
सरदार पटेल की 150वीं जयंती: यह वर्ष विशेष महत्व रखता है, क्योंकि लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने 562 रियासतों को एक सूत्र में पिरोकर आधुनिक भारत की नींव रखी थी। उनकी जयंती पर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निकट आयोजित कार्यक्रमों ने लाखों लोगों को एकजुट किया।
राष्ट्र का संकल्प: एकता ही हमारी ताकत
पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि एकता दिवस हमें याद दिलाता है कि विभाजन की कोई जगह नहीं। “एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। सरदार पटेल ने जो भारत बनाया, उसे हम सब मिलकर और मजबूत बनाएंगे।”
यह दिवस न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि वर्तमान चुनौतियों से निपटने के लिए भी प्रासंगिक है। आतंकवाद, क्षेत्रवाद और साम्प्रदायिकता जैसी ताकतों के खिलाफ एकता का यह पर्व एक मजबूत संदेश देता है






