🔹भाई-बहन के अमर प्रेम का प्रतीक, इस मंदिर में मिलता है दीर्घायु और समृद्धि का आशीर्वाद
मथुरा। भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को समर्पित भाई दूज का त्योहार देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन मथुरा का एक अनोखा मंदिर इस मौके को और खास बनाता है। यहां यमराज के साथ उनकी बहन यमुना की पूजा की जाती है, जो भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है।
मथुरा के इस मंदिर में भाई दूज के दिन श्रद्धालु यमुना नदी में स्नान करते हैं और मंदिर में दीप जलाकर यमराज व यमुना की पूजा करते हैं। मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से दीर्घायु, समृद्धि और आत्मिक शांति का आशीर्वाद मिलता है।
पौराणिक कथा: यमराज का वरदान
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भाई दूज के दिन यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने मथुरा आए थे। यमुना ने उनका भव्य स्वागत किया, जिससे प्रसन्न होकर यमराज ने वरदान दिया कि जो भी इस दिन अपनी बहन के घर भोजन करेगा और यम-यमुना की पूजा करेगा, उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं सताएगा।
आज भी जीवंत है परंपरा
आज भी हजारों श्रद्धालु भाई दूज पर इस मंदिर में उमड़ते हैं। यमुना के तट पर स्नान और दीपदान की परंपरा न केवल आध्यात्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत करने का संदेश भी देती है।
कैसे पहुंचें?
मथुरा, उत्तर प्रदेश में स्थित यह मंदिर दिल्ली से लगभग 150 किमी दूर है। आप ट्रेन, बस या निजी वाहन से आसानी से यहां पहुंच सकते हैं। भाई दूज के दौरान मथुरा में विशेष आयोजन भी होते हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं
- रिपोर्ट – राहुल गौड़






