आगरा: आगरा-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-19) पर शहर के बीचोंबीच यातायात अव्यवस्था एक बार फिर जानलेवा साबित हुई। मंगलवार को ट्रांसपोर्ट नगर फ्लाईओवर पर हुए हादसे में एक बुजुर्ग की मौत हो गई, जबकि उनकी नातिन किसी तरह बाल-बाल बच गई। इस घटना ने शहर में भारी वाहनों की अनियंत्रित आवाजाही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
शहर के बीच भारी वाहनों का कहर
NH-19 का आगरा से गुजरने वाला हिस्सा लंबे समय से भारी ट्रैफिक दबाव झेल रहा है। ज्यादातर ट्रक और भारी वाहन ऐसे हैं, जिनका आगरा से कोई संबंध नहीं। तेज रफ्तार और जाम के कारण दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। स्थानीय लोग कहते हैं कि दिन-रात भारी वाहनों की आवाजाही नहीं थमती, जिससे पैदल यात्री, बुजुर्ग और बच्चे सड़क पार करने में जोखिम उठाते हैं।
नॉर्दर्न बाईपास का समाधान, लेकिन अमल नहीं
समस्या का हल 14 किमी लंबा नॉर्दर्न बाईपास है, जो 4 दिसंबर 2025 से पूरी तरह चालू हो चुका है। यह गैर-आगरा वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्ग है। जिलाधिकारी ने बाईपास पर संकेतक लगाने, भारी वाहनों को डायवर्ट करने और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे, लेकिन जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन कमजोर है।
रोड सेफ्टी एक्टिविस्ट के.सी. जैन एडवोकेट ने कहा, “सड़क सुरक्षा सबकी जिम्मेदारी है। बाईपास चालू होने से सुनहरा मौका है, लेकिन सख्त निगरानी जरूरी।”

