फतेहाबाद/आगरा: भाई-बहन के पवित्र स्नेह का पर्व भाईदूज पूरे हर्षोल्लास और धार्मिक श्रद्धा के साथ मनाया गया। सुबह से ही घर-घर में पूजा और तिलक की तैयारियों के बीच त्योहार की रौनक देखते ही बन रही थी। बहनों ने विधि-विधान से भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना की। वहीं भाइयों ने भी बहनों को उपहार देकर इस पवित्र रिश्ते की मिठास को और गहरा कर दिया।
मिठाई की दुकानों पर रही जबरदस्त भीड़:त्योहार के मौके पर बाजारों में दिनभर रौनक रही। मिठाई की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ उमड़ पड़ी। पचमेल मिठाई, सोनपापड़ी,खुर्मी, लड्डू और इमरती की जमकर खरीदारी हुई। हलवाइयों का कहना है कि इस बार बिक्री में पिछले साल की तुलना में खासा इजाफा हुआ है। कई जगह सुबह से ही लंबी कतारें लगी रहीं।
यम-यमुना की कथा से जुड़ा है भाईदूज का पर्व:पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भाईदूज का संबंध यमराज और उनकी बहन यमुनाजी से है। कहा जाता है कि कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने उनके घर पहुंचे थे। यमुनाजी ने उनका स्वागत किया, तिलक लगाया और आरती उतारकर उनकी दीर्घायु की कामना की।
इस पर प्रसन्न होकर यमराज ने कहा कि जो भी बहन इस दिन अपने भाई का तिलक कर उसकी लंबी उम्र की प्रार्थना करेगी, उसे यमलोक के भय से मुक्ति मिलेगी। तभी से भाईदूज का यह पर्व मनाया जाने लगा।हर चेहरे पर झलका प्यार, हर घर में घुली मिठास:पूरे दिन शहर का माहौल खुशियों और भाईचारे से सराबोर रहा। बहनों की दुआओं और भाइयों के स्नेह ने रिश्तों में नई गर्माहट भर दी। हर घर में खुशियां, हंसी और मिठास घुली रही सच में, भाईदूज ने एक बार फिर रिश्तों की डोर को और मजबूत कर दिया।
- रिपोर्ट – सुशील गुप्ता

