रिपोर्ट – विकास भारद्वाज

आगरा। ग्रामीण पत्रकारों की कलम, जो गांव-गांव की धड़कनों को शब्दों में उकेरती है, आज स्वयं अपनी पीड़ा का बयान करने उतरी। उत्तर प्रदेश ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन का प्रदेशव्यापी अभियान शुक्रवार को आगरा जिले में उफान पर आ गया। पत्रकारिता की पवित्र ज्योति को सुरक्षित रखने, सरकारी मान्यता की गरिमा बहाल करने तथा स्वास्थ्य- सुविधाओं की अनदेखी को चुनौती देते हुए, जिले की सातों तहसीलों से एक स्वर में उठी पुकार। जनप्रतिनिधियों के द्वार पर ठहरकर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपे गए – एक ऐसा संकल्प जो न केवल पत्रकारों की व्यथा को उजागर करता है, बल्कि लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने का आह्वान भी है।

यह अभियान मात्र एक आंदोलन नहीं, अपितु ग्रामीण भारत की नब्ज को पकड़ने वाले उन योद्धाओं का दृढ़ संकल्प है, जो जोखिमों की आग में तपकर सत्य की लौ जलाते हैं।

खेरागढ़: विधायक कुशवाह के समक्ष खुली पुकार, पत्रकारों का विशाल जत्था

खेरागढ़ तहसील के धरातल पर, जहां खेतों की हरियाली पत्रकारिता की स्याही से सिंचित होती है, तहसील अध्यक्ष अजय कुमार मोदी के नेतृत्व में एक विशाल प्रतिनिधिमंडल ने विधायक भगवान सिंह कुशवाह को ज्ञापन सौंप  अपनी व्यथा रखी।

जिलाध्यक्ष विष्णु सिकरवार, संरक्षक सुरेश जारोलिया, कोषाध्यक्ष शिवम सिकरवार, सह-कोषाध्यक्ष सुमित गर्ग, नवीन राजावत, अनिल वित्थरिया, प्रवीण रावत, अमित चाहर, भुवनेश्वर पोनिया, इस्माइल खां, कमरूद्दीन खां, धर्मेंद्र सिकरवार, मनोज परमार तथा प्रवीन सिकरवार जैसे सशक्त सहयोगियों के साथ सैकड़ों पत्रकारों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा।

यह मात्र कागज का टुकड़ा नहीं था, अपितु ग्रामीण पत्रकारिता की अनकही कहानी का जीवंत दस्तावेज – जहां हर शब्द में खतरे की छाया और सम्मान की आकांक्षा झलकती है।

किरावली: डॉ. चौधरी को सौंपी गई मांगों की पोटली, वरिष्ठजनों का संयुक्त संकल्प

किरावली तहसील के कोने-कोने से निकली कलमों की ध्वनि ने विधायक प्रतिनिधि डॉ. रामेश्वर चौधरी को झकझोर दिया। वरिष्ठ पत्रकार अशोक शर्मा, जिला महामंत्री प्रमेंद्र फौजदार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश शर्मा, डॉ. धर्मवीर सिंह चाहर, राजकुमार दास, कर्मवीर सिंह, रमेश चंद्र शर्मा, शैलेंद्र शर्मा तथा तहसील अध्यक्ष नीरज शुक्ला के नेतृत्व में सौंपा गया मांगपत्र।

पत्रकारिता के मूल्यों को पुनर्स्थापित करने का प्रतीक बना। यहां की सड़कों पर गूंजी आवाजें बताती हैं कि ग्रामीण पत्रकार न केवल समाचार संग्रहित करते हैं, बल्कि समाज की चेतना को जागृत भी करते हैं – बशर्ते उन्हें सुरक्षा का कवच और स्वास्थ्य का सहारा मिले।

बाह: रानी पक्षालिका सिंह के समक्ष चुनौतियों का आईना, तोमर का नेतृत्व चमका

बाह तहसील में, जहां इतिहास की गलियां पत्रकारिता की स्मृतियों से अटकी हैं, तहसील अध्यक्ष इंद्रेश तोमर के नेतृत्व में पत्रकारों का जत्था विधायक रानी पक्षालिका सिंह भदावर के सम्मुख उपस्थित हुआ।

नीरज परिहार, धर्मेंद्र चौहान, हिमांशु गुप्ता, विनय बघेल, सोनू वर्मा, विजेंद्र यादव तथा भानु तोमर जैसे समर्पित सदस्यों ने ग्रामीण पत्रकारों की दैनिक संघर्षगाथा का ब्योरा प्रस्तुत किया। ज्ञापन के माध्यम से न केवल समस्याओं का खुलासा हुआ, अपितु एक सकारात्मक दृष्टिकोण भी उभरा – कि इन चुनौतियों को अवसरों में बदलना संभव है, यदि जनप्रतिनिधि सहभागी बनें।

एत्मादपुर: डॉ. धर्मपाल सिंह से गहन संवाद, समस्याओं पर विस्तृत विमर्श

एत्मादपुर क्षेत्र की धरती पर, ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर सुरक्षा, मान्यता और सुविधाओं की एक समान मांगें रखीं। जिलाध्यक्ष विष्णु सिकरवार, चौबसिंह सक्सेना, सुमित गर्ग, शिवम सिकरवार, धर्मवीर चौहान तथा राकेश यादव की उपस्थिति में चली चर्चा ने क्षेत्रीय पत्रकारों की व्यथा को गहराई से उकेरा। यह संवाद मात्र औपचारिकता नहीं था, अपितु एक पुल का निर्माण – जो पत्रकारिता की स्वतंत्रता को राजनीतिक संरक्षण से जोड़ता है।

सदर तहसील: तीन विधायकों को अलग- अलग सौंपा ज्ञापन, देवेश शर्मा का मजबूत नेतृत्व

आगरा सदर तहसील के हृदय स्थल पर, तहसील अध्यक्ष देवेश शर्मा के नेतृत्व में पत्रकारों का प्रतिनिधिमंडल विधायक विजय शिवहरे, पुरुषोत्तम खंडेलवाल तथा जी.एस. धर्मेश को अलग-अलग ज्ञापन सौंपने पहुंचा। जिलाध्यक्ष विष्णु सिकरवार, संरक्षक सुरेश जारोलिया, कोषाध्यक्ष शिवम सिकरवार, सह-कोषाध्यक्ष सुमित गर्ग, अनिल वित्थरिया, अजय कुमार मोदी, चौबसिंह सक्सेना, सोनवीर चाहर, नवीन राजावत, हरिओम रावत, अमित चाहर, भुवनेश्वर पोनिया, इस्माइल खां, कमरूद्दीन खां, धर्मेंद्र सिकरवार, मनोज परमार तथा प्रवीन सिकरवार जैसे अनेक सहयोगियों ने संयुक्त रूप से मांगपत्र के बिंदुओं पर प्रकाश डाला। यह त्रयी-ज्ञापन आंदोलन का प्रतीक था – जो विविधता में एकता का संदेश देता है।

फतेहाबाद: छोटेलाल वर्मा को सौंपी गई आशाओं की डोर, मनोज शर्मा का संचालन

फतेहाबाद तहसील के ग्रामीण परिवेश में, तहसील अध्यक्ष मनोज शर्मा के नेतृत्व में पत्रकारों ने विधायक छोटेलाल वर्मा को ज्ञापन सौंपा। जिला उपाध्यक्ष दिलीप गुप्ता, मुन्ना लाल शर्मा, सुशील गुप्ता, प्रदीप कुमार, अभिषेक वर्मा, शिवराम वर्मा, श्याम शर्मा, कमल सिंह चौहान, दुष्यंत उपाध्याय, योगेश शर्मा तथा सभाजीत वर्मा की उपस्थिति ने इस आयोजन को और सशक्त बनाया।

यहां की पुकार में निहित था एक दृढ़ विश्वास – कि ग्रामीण पत्रकारिता की जड़ें मजबूत होंगी, यदि शासन उनकी व्यथा सुन ले।

मांगों का मंत्र: सुरक्षा से कल्याण तक का यात्रा-पथ
इन सभी ज्ञापनों के मूल में निहित हैं ग्रामीण पत्रकारों की साझा आकांक्षाएं – पर्याप्त सुरक्षा कवच, सरकारी एवं संस्थागत मान्यता का सम्मान, स्वास्थ्य बीमा तथा उपचार सुविधाओं का विस्तार, सूचना विभाग में लंबित प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण, झूठे मुकदमों की रोकथाम, ग्रामीण प्रेस क्लबों के लिए भवनों एवं संसाधनों की उपलब्धता तथा पत्रकार कल्याण कोष का प्रभावी क्रियान्वयन। ये मांगें मात्र सूची नहीं, अपितु पत्रकारिता के भविष्य का ब्लूप्रिंट हैं।

जिला अध्यक्ष विष्णु सिकरवार की यह टिप्पणी अभियान की आत्मा है:

“प्रदेश के दूरस्थ अंचलों में कार्यरत पत्रकार, अपर्याप्त संसाधनों के बावजूद जोखिमों का सामना कर जन-समस्याओं को शासन तक पहुंचाते हैं। उनके लिए एक ठोस नीति अनिवार्य है – दुर्घटना सहायता, स्वास्थ्य कवर तथा प्रेस स्वतंत्रता की अटल रक्षा। तभी वे दबावरहित होकर निष्पक्ष पत्रकारिता का निर्वाह कर सकेंगे।” उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि पत्रकारों की मूलभूत व्यथाओं का समाधान प्राथमिकता बने।

यह अभियान आगरा की धरती से निकलकर पूरे उत्तर प्रदेश में गूंजेगा, क्योंकि पत्रकारिता का प्रकाश ग्रामीण भारत का प्रकाश है – और उसकी रक्षा ही लोकतंत्र की रक्षा है।

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