नई दिल्ली/आगरा: संसद के शीतकालीन सत्र के बीच फतेहपुर सीकरी लोकसभा क्षेत्र के सांसद राजकुमार चाहर ने एक चौंकाने वाले बयान से देश का ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने कहा कि ताजमहल की बेमिसाल खूबसूरती, जो दुनिया भर में भारत की शान है, आगरा के लिए ‘श्राप’ बन चुकी है। पर्यावरण संरक्षण के नाम पर लगी सख्त पाबंदियां शहर के औद्योगिक विकास को जकड़ रही हैं, जिससे युवा बेरोजगार घूमने को मजबूर हैं। चाहर ने इसका हल बताते हुए आगरा को देश का आईटी हब बनाने की जोरदार मांग की है।

बुधवार को लोकसभा में बोलते हुए भाजपा सांसद राजकुमार चाहर ने आगरा की बढ़ती बेरोजगारी को लेकर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “ताजमहल की खूबसूरती जनता के लिए श्राप बन गई है। उसकी खूबसूरती न जाए, इस डर से शहर में न तो कोई फैक्ट्री लग पा रही है और न ही कोई उद्योग।” चाहर के अनुसार, ताज ट्रायंगल जोन (TTZ) और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) की सख्ती के कारण आगरा में निवेश रुक गया है। TTZ एक विशेष क्षेत्र है जो ताजमहल और आसपास के स्मारकों को प्रदूषण से बचाने के लिए बनाया गया, जबकि NGT पर्यावरणीय नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करता है। लेकिन इनके चलते नए उद्योगों को हरी झंडी मिलना मुश्किल हो गया है।

आगरा, जो मुगलकालीन वैभव और चमड़े के उद्योग के लिए जाना जाता है, आज बेरोजगारी की मार झेल रहा है। चाहर ने सदन में कहा, “हमारे शहर का युवा बेरोजगार घूम रहा है। यहां के युवा पढ़-लिखकर भी नौकरी के मोहताज हैं।” उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि TTZ और NGT की पाबंदियों से आगरा में सैकड़ों संभावित फैक्टरियां रुकी पड़ी हैं, जिसका सीधा असर स्थानीय रोजगार पर पड़ा है। उत्तर प्रदेश के इस ऐतिहासिक शहर में युवा आबादी का बड़ा हिस्सा शिक्षित होने के बावजूद मजदूरी या प्रवास पर मजबूर है।
आईटी हब का खाका: युवाओं के लिए नया अवसर?

सांसद चाहर ने समस्या के साथ-साथ समाधान भी पेश किया। उन्होंने प्रस्ताव रखा कि आगरा को देशभर का आईटी हब बनाया जाए। “युवा पढ़-लिख सके, बेरोजगार न घूमें—इसके लिए आगरा को आईटी का केंद्र बनाना जरूरी है। यहां की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखते हुए डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया जाए,” उन्होंने जोर देकर कहा। उनका यह सुझाव आगरा की पर्यटन-आधारित अर्थव्यवस्था को विविधता देने का प्रयास लगता है। विशेषज्ञों का मानना है कि आईटी हब से न केवल हजारों नौकरियां पैदा होंगी, बल्कि यह पर्यावरण-अनुकूल विकास का मॉडल भी बनेगा, क्योंकि आईटी उद्योग प्रदूषण कम फैलाता है।

राजकुमार चाहर, जो भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं, फतेहपुर सीकरी से 2019 से सांसद हैं। उनका यह बयान आगरा-मथुरा क्षेत्र की लंबे समय से चली आ रही समस्या को उजागर करता है। क्षेत्रीय विशेषज्ञों के अनुसार, TTZ के नियम 1998 से लागू हैं, लेकिन हाल के वर्षों में NGT के फैसलों ने उद्योगों पर और दबाव बढ़ा दिया है। चाहर की मांग पर अब विपक्षी दलों की भी प्रतिक्रिया आ रही है। समाजवादी पार्टी के एक नेता ने कहा, “सरकार को पर्यटन और उद्योग के बीच संतुलन बनाना होगा, वरना आगरा का विकास अधर में लटका रहेगा।”

केंद्र सरकार की ओर से अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन शीतकालीन सत्र के दौरान यह मुद्दा और गर्मा सकता है। आगरा के युवा संगठनों ने सांसद के बयान का स्वागत किया है और कहा है कि आईटी हब का सपना साकार होने पर शहर की तस्वीर बदल जाएगी। क्या ताजमहल की चमक अब आगरा के भविष्य को रोशन कर पाएगी? यह सवाल अब पूरे देश के सामने है।

दैनिक जिला नज़र – (नजरिया सच का) प्रिंट & सोशल मीडिया न्यूज़ नेटवर्क दैनिक जिला नज़र सत्यनिष्ठ पत्रकारिता और जनपक्षीय विचारधारा का विश्वसनीय मंच है। हम समाचारों को केवल प्रसारित नहीं करते—बल्कि उन्हें प्रमाणिकता, नैतिकता और गहन विवेक के साथ पाठकों तक पहुँचाते हैं। स्थानीय सरोकारों से लेकर राष्ट्रीय मुद्दों तक, हर सूचना को हम निष्पक्ष दृष्टि, आधुनिक संपादकीय मानकों और जिम्मेदार मीडिया आचरण के साथ प्रस्तुत करते हैं। प्रिंट की गरिमा और डिजिटल की गति—दोनों का संतुलित संगम है "जिला नज़र"। हमारा ध्येय है— सत्य को स्वर देना, समाज को दिशा देना। दैनिक जिला नज़र जहाँ समाचार विश्वसनीयता की भाषा बोलते हैं।

error: Content is protected !!
Exit mobile version