आगरा: डिजिटल दुनिया की चमक के पीछे छिपे अंधेरे अब खतरनाक रूप ले रहे हैं। सोशल मीडिया पर बनी एक साधारण दोस्ती आगरा के ताजगंज क्षेत्र में एक युवती के लिए जिंदगी का सबसे बड़ा दु:स्वप्न बन गई। आरोपी ने निजी तस्वीरों का इस्तेमाल कर ब्लैकमेल किया, बदनामी की, और आखिरकार हथियार लेकर उसके घर तक पहुंच गया। पीड़िता ने हिम्मत दिखाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन आरोपी फरार है। यह घटना साइबर सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
घटना का पूरा विवरण: भरोसे का दुरुपयोग और हिंसा का सिलसिला
थाना ताजगंज क्षेत्र के एडीए हाइट्स फेस-2 में रहने वाली युवती की जिंदगी तब उलट-पुलट हो गई जब सोशल मीडिया पर उसकी मुलाकात अभिषेक यादव से हुई। शुरुआती बातचीत से दोस्ती बढ़ी और मुलाकातें भी शुरू हुईं। लेकिन आरोपी ने भरोसे का फायदा उठाते हुए युवती की निजी तस्वीरें हासिल कर लीं। जब युवती ने संबंध आगे बढ़ाने या शादी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया, तो अभिषेक ने धमकी देना शुरू कर दिया – “तुम्हारी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल कर दूंगा।”
धमकी शब्दों तक सीमित न रही। आरोपी ने वास्तव में युवती की तस्वीरें विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर अपलोड कर दीं, जिससे उसकी प्रतिष्ठा को गहरा आघात पहुंचा। विरोध करने पर अभिषेक ने कहा, “मेरे पिता पुलिस में हैं, कोई मेरा बाल भी बांका नहीं कर सकता।” यह दावा जांच में झूठा साबित हो रहा है, लेकिन डराने के लिए काफी था।
कुछ दिनों बाद मामला और भयावह हो गया। अभिषेक अपने साथियों के साथ हथियार (चाकू या डंडा) लेकर युवती के घर पहुंचा। घर में घुसकर उसने पूरे परिवार को धमकाया, अभद्रता की और जान से मारने की धुंआधार धमकियां दीं। प्रारंभिक जांच में पता चला कि आरोपी ने पहले युवती के घर की रेकी की थी और उसके भाई को फोन पर गालियां देकर धमकाया था। परिवार के सदस्यों ने बताया, “हम डर के साये में जी रहे हैं। आरोपी का कनेक्शन पुलिस से होने का दावा हमें और भयभीत कर रहा है।”
पुलिस कार्रवाई: मुकदमा दर्ज, फरार आरोपी की तलाश तेज
शिकायत मिलते ही ताजगंज थाना पुलिस फौरन हरकत में आ गई। आरोपी अभिषेक यादव, उसके पिता विजय किशोर यादव और अन्य साथियों के खिलाफ आईटी एक्ट (साइबर क्राइम), ब्लैकमेलिंग (IPC धारा 384), धमकी (IPC धारा 506), आपराधिक धमकी और अभद्र व्यवहार (IPC धारा 509) की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी की पहचान पूरी हो चुकी है और उसकी तलाश में कई टीमें लगी हुई हैं। सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान इकट्ठा किए जा रहे हैं।
एसएसपी आगरा ने कहा, “ऐसे साइबर अपराधों में जीरो टॉलरेंस है। आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर न्याय दिलाया जाएगा। पीड़िता की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।” फिलहाल, इलाके में अतिरिक्त पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है ताकि कोई तनाव न फैले।
समाजिक चेतावनी: ऑनलाइन दोस्ती का खतरा, सावधानी बरतें
यह घटना आगरा में साइबर ब्लैकमेल के बढ़ते मामलों की याद दिलाती है। हाल ही में ही आगरा में एक छात्रा को जन्मदिन पार्टी के बहाने ब्लैकमेल कर 1.50 लाख रुपये वसूले गए थे, जहां आरोपी ने फोटो-वीडियो वायरल करने की धमकी दी थी। इसी तरह, जुलाई 2025 में सदर थाना क्षेत्र में AI से एडिट की गई अश्लील फोटोज से ब्लैकमेल कर दुष्कर्म का मामला सामने आया, जिसमें एक आरोपी गिरफ्तार हुआ।
विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया पर निजी तस्वीरें शेयर करने से पहले सोचें। साइबर सेल की सलाह:
- अनजान लोगों से निजी जानकारी न शेयर करें।
- ब्लैकमेल का शिकार होने पर तुरंत पुलिस या साइबर हेल्पलाइन (1930) पर कॉल करें।
- सोशल मीडिया अकाउंट्स पर प्राइवेसी सेटिंग्स चेक करें।
- बच्चों को ऑनलाइन सुरक्षा के बारे में जागरूक करें।
एक स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, “डिजिटल दोस्ती अब छलावे का जाल है। भरोसा टूटने पर यह हथियार बन जाता है। सरकार को सख्त साइबर कानून और जागरूकता कैंपेन चलाने चाहिए।”






