आगरा। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, आगरा में सत्र 2023 एवं 2024 के प्रशिक्षुओं हेतु आयोजित दो दिवसीय संगीत कार्यशाला (दिनांक 01 एवं 02 सितम्बर 2025) का सफलतापूर्वक समापन किया गया।

कार्यशाला के अंतिम दिवस पर प्रशिक्षुओं ने गायन, वादन एवं नृत्य विद्या में अर्जित ज्ञान को प्रस्तुत कर अपनी सांगीतिक प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

कार्यशाला की समापन अध्यक्षता संस्थान की उप शिक्षा निदेशक/प्राचार्य श्रीमती पुष्पा कुमारी ने की। उन्होंने प्रशिक्षुओं की प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए कहा –> संगीत के माध्यम से संवेदनाओं का विकास होता है और व्यक्तित्व में संतुलन आता है।

इस प्रकार की कार्यशालाएँ प्रशिक्षुओं को न केवल सृजनात्मक बनाती हैं बल्कि भविष्य में बेहतर शिक्षक बनने हेतु प्रेरित करती हैं।”इसी क्रम में कार्यशाला प्रभारी डॉ. डी. के. गुप्ता (प्रवक्ता, डायट आगरा) ने कहा –> “दो दिनों में प्रशिक्षुओं ने संगीत की मूलभूत एवं तकनीकी जानकारी अर्जित की है। संगीत को शिक्षण प्रक्रिया में एक प्रभावी साधन के रूप में अपनाकर वे विद्यार्थियों में सीखने की रुचि एवं रचनात्मकता को बढ़ा सकते हैं।


 

विषयांतर्गत प्रशिक्षकों में डॉ. अनुराग शर्मा (वादन विद्या) ने कहा – वाद्य संगीत साधना और धैर्य की कला है। प्रशिक्षुओं ने ताल और लय का अभ्यास कर यह समझा कि संगीत अनुशासन और एकाग्रता दोनों का आधार है।”श्री मनोज कुमार उपाध्याय (गायन विद्या) ने कहा – “गायन आत्मा की अभिव्यक्ति है। जब प्रशिक्षु स्वर और भाव को मिलाकर गाते हैं तो उनमें आत्मविश्वास और अभिव्यक्ति शक्ति दोनों का विकास होता है।”

श्रीमती रितु गर्ग (नृत्य विद्या) ने कहा – “नृत्य संगीत की जीवंत अभिव्यक्ति है। गति और ताल के माध्यम से प्रशिक्षुओं ने सीखा कि शिक्षा को भी रोचक और जीवंत बनाया जा सकता है।”

कार्यशाला के समापन बेला   में तीनों प्रशिक्षकों को डायट आगरा द्वारा प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यशाला का समापन प्रशिक्षुओं की सामूहिक सांगीतिक प्रस्तुति एवं आभार ज्ञापन के साथ हुआ।

कार्यशाला में प्रवक्ता अनिल कुमार, डॉ. मनोज वार्ष्णेय, पुष्पेंद्र सिंह,यशवीर सिंह, हिमांशु सिंह, यशपाल सिंह, संजीव सत्यार्थी, अबू मोहम्मद आसिफ, डॉ. प्रज्ञा शर्मा, श्रीमती लक्ष्मी शर्मा, श्रीमती कल्पना सिन्हा, श्रीमती रंजना पांडे,मुकेश सिन्हा(प्रा.अधि.), गौरव भार्गव,  लाल बहादुर (प्र. सहा.),  अमित दीक्षित, श्रीमती आकांक्षा लवानिया, तिलक जंग, मोहित प्रभाकर आदि प्रशिक्षु मौजूद रहे।

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