एटा: बरसात के बाद बढ़ती गर्मी और उमस के कारण एटा जिले में सांप अपने बिलों से बाहर निकल रहे हैं, जिससे सर्पदंश की घटनाएं बढ़ गई हैं। पिछले 19 दिनों (21 जुलाई से 8 अगस्त) में 151 लोग सर्पदंश का शिकार हुए हैं, जिनमें से तीन लोगों की मौत हो चुकी है। चिकित्सकों ने सलाह दी है कि सर्पदंश के बाद झाड़-फूंक के चक्कर में न पड़ें और तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचें। जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर एंटी स्नेक वेनम (ASV) पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।

बरसात के बाद सांप गर्मी और उमस से व्याकुल होकर या असुरक्षा की भावना के चलते लोगों पर हमला कर रहे हैं। इस दौरान:

  • 21 जुलाई: निधौली कलां के गांव धौलेश्वर निवासी हुंडीलाल को सांप ने डस लिया। परिजन उन्हें मेडिकल कॉलेज ले गए, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
  • 1 अगस्त: कक्षा 1 के छात्र दीपू को अलमारी से कपड़े निकालते समय सांप ने डस लिया। वह भी मेडिकल कॉलेज पहुंचने से पहले दम तोड़ चुके थे।
  • 7 अगस्त: निधौली कलां के रमंडपुर निवासी जगदीश सिंह (80) को खेत में काम करते समय सांप ने डस लिया। परिजन उन्हें झाड़-फूंक के लिए ले गए, लेकिन जब हालत नहीं सुधरी तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निधौली कलां ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। शुक्रवार को पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया।

चिकित्सा सुविधाएं

मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी प्रभारी डॉ. माधवेंद्र ने बताया कि गर्मी और उमस के कारण सांप बिलों से बाहर आ रहे हैं। जिले के मेडिकल कॉलेज, 8 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, और 36 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एंटी स्नेक वेनम (ASV) पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। अब तक किसी भी मरीज को ASV की कमी के कारण वापस नहीं लौटाया गया। समय पर अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों का इलाज कर उन्हें घर भेजा जा रहा है।

सर्पदंश होने पर क्या करें

डॉ. माधवेंद्र के अनुसार, सर्पदंश के बाद निम्नलिखित सावधानियां बरतें:

  • घबराएं नहीं: शांत रहें और तुरंत कार्रवाई करें।
  • घाव को साफ करें: डंसे हुए स्थान को साफ पानी से धोएं।
  • चीरा या बंधन न करें: ब्लेड से चीरा लगाने या कसकर बांधने से बचें।
  • तुरंत अस्पताल पहुंचें: नजदीकी सरकारी अस्पताल या मेडिकल कॉलेज जाएं, जहां ASV उपलब्ध है।
  • झाड़-फूंक से बचें: देरी से मरीज की जान को खतरा हो सकता है।

चेतावनी

डॉ. माधवेंद्र ने जोर दिया कि झाड़-फूंक या सपेरों के पास जाने से समय बर्बाद होता है, जो जानलेवा साबित हो सकता है। सर्पदंश के बाद तत्काल चिकित्सा सहायता लेना सबसे जरूरी है।

  • रिपोर्ट  – सुनील गुप्ता
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