खेरागढ़ /आगरा। गुरुवार को देवी प्रतिमा विसर्जन के दौरान उटंगन नदी में डूबे 13 युवकों में से एक को जीवित बचा लिया गया था, जबकि पांच के शव शुक्रवार दोपहर बरामद कर लिए गए और रात तक उनका अंतिम संस्कार भी हो चुका है। शेष सात युवकों की तलाश में आर्मी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और निजी गोताखोरों की टीमें दिन-रात जुटी हैं, लेकिन शुक्रवार देर रात तक कोई सफलता नहीं मिली। अब प्रशासन ने नदी को जलविहीन करने का अभियान शुरू किया है, ताकि लापता युवकों के शवों को ढूंढा जा सके।
नदी को सुखाने का अभियान शुरू
लगातार असफल रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद प्रशासन ने उटंगन नदी में पानी का प्रवाह रोकने का फैसला लिया। भरतपुर जिले में नदी के प्रवाह को रोक दिया गया है। आगरा जिले की सीमा पर घुसियाना गांव में जेसीबी मशीनों की मदद से मिट्टी से भरे कट्टों द्वारा पानी का प्रवाह अवरुद्ध किया गया। इसके अलावा, घटनास्थल से पहले और कुसियारपुर से आगे के एनीकटों को खोल दिया गया, ताकि नदी का पानी बहकर निकल जाए। साथ ही, घटनास्थल के पास जेसीबी से एक अस्थायी नाला बनाया गया है, जिससे बचा हुआ पानी निकाला जा रहा है। इस प्रयास से नदी तल को पूरी तरह जलविहीन करने की कोशिश की जा रही है।
दलदल में फंसे होने की आशंका
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि रेस्क्यू टीमों के अथक प्रयासों के बावजूद शवों का न मिलना इस ओर इशारा करता है कि सातों युवक नदी तल पर बने दलदल में फंस गए हैं। बरसात के कारण नदी का जलस्तर बढ़ने से पत्थरों के चूरे ने दलदली स्थिति पैदा कर दी है। अधिकारियों का मानना है कि शव इसी दलदल में दबे हो सकते हैं, जिसके कारण गोताखोर उन्हें नहीं ढूंढ पा रहे।
खनन माफिया की करतूतों ने बढ़ाया संकट
स्थानीय लोगों का आरोप है कि खनन माफिया द्वारा नदी में अवैध खनन के कारण तलहटी में गहरे गड्ढे बन गए हैं। ट्रैक्टरों के लिए रैंप जैसे रास्ते बनाने और फिसलन रोकने के लिए पत्थरों का चूरा डाला जाता है, जो बरसात में बहकर गड्ढों में जम गया और दलदल में बदल गया। माना जा रहा है कि सातों शव इसी दलदल में फंसे हैं, जिसके चलते रेस्क्यू में दिक्कत आ रही है।
आज शाम तक शव मिलने की उम्मीद
प्रशासन को उम्मीद है कि पानी रोकने और नाले से नदी तल को खाली करने के बाद आज (शनिवार) शाम तक सातों शव बरामद कर लिए जाएंगे। कुसियारपुर गांव में शुक्रवार देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला और शनिवार सुबह से नदी को सुखाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।
घटनास्थल पर भारी भीड़ और गम का माहौल
शनिवार सुबह से ही आसपास के गांवों के लोग घटनास्थल पर जमा हैं। ग्रामीणों में गुस्सा और दुख दोनों साफ दिखाई दे रहा है। हालात का जायजा लेने के लिए भाजपा जिलाध्यक्ष प्रशांत पौनिया और विधायक भगवान सिंह कुशवाह सुबह मौके पर पहुंचे। लापता सात युवकों के परिजन नदी किनारे अपने बेटों का इंतजार कर रहे हैं, उनकी आंखें रोते-रोते सूख चुकी हैं।
स्थानीय प्रशासन और रेस्क्यू टीमें पूरी ताकत से जुटी हैं, लेकिन दलदल और गहरे गड्ढों ने इस ऑपरेशन को जटिल बना दिया है। सभी की निगाहें आज शाम के परिणामों पर टिकी हैं, जब शवों के बरामद होने की उम्मीद जताई जा रही है।
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