कुशीनगर/उत्तर प्रदेश। कुशीनगर जिले के पटहेरवा थाना क्षेत्र के शहदौली पटहेरिया गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। एक 12 वर्षीय नाबालिग बच्ची का शव, जिसे दो दिन पहले कब्र में दफनाया गया था, रहस्यमय तरीके से गायब हो गया। शव बाद में कब्र से लगभग 150 मीटर दूर एक मंदिर के पास झाड़ियों में नग्न अवस्था में बरामद हुआ। शव के पास तंत्र-मंत्र से संबंधित सामग्री मिलने से इस घटना में तांत्रिक गतिविधियों की आशंका जताई जा रही है। पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है।
घटना का विवरण
जानकारी के अनुसार, शहदौली पटहेरिया गांव निवासी गुलफ्सा खातून (12) की हाल ही में चेचक की बीमारी के कारण मृत्यु हो गई थी। परिजनों ने रीति-रिवाज के अनुसार उसे दो दिन पहले गांव के कब्रिस्तान में दफनाया था। रविवार, 21 जुलाई 2025 को मृतका के पिता कब्र पर फातिहा पढ़ने गए। वहां पहुंचने पर उन्होंने देखा कि कब्र खोदी गई थी और उसमें केवल कफन का कपड़ा मौजूद था, जबकि बच्ची का शव गायब था। इस दृश्य ने परिजनों को स्तब्ध कर दिया और उन्होंने तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचना दी।
पटहेरवा थाना पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और फॉरेंसिक टीम के साथ मिलकर जांच शुरू की। पुलिस ने आसपास के क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया, जिसके दौरान बच्ची का शव कब्र से करीब 150 मीटर दूर काली माता के मंदिर के पास झाड़ियों में नग्न अवस्था में मिला। शव के पास कुछ संदिग्ध सामग्री, जैसे कि तंत्र-मंत्र में इस्तेमाल होने वाले कपड़े और अन्य वस्तुएं, बरामद हुईं। इससे पुलिस और ग्रामीणों में तांत्रिक अनुष्ठान की आशंका प्रबल हो गई है।
पुलिस की कार्रवाई
कुशीनगर पुलिस ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई शुरू की। पटहेरवा थाना प्रभारी ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। साथ ही, फॉरेंसिक टीम द्वारा मौके से एकत्र किए गए साक्ष्यों की जांच की जा रही है। पुलिस ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर जानकारी साझा करते हुए कहा, “सूचना पर थाना पटहेरवा पुलिस द्वारा मौके पर पहुंचकर शव को बरामद कर पंचायतनामा/पोस्टमार्टम की कार्यवाही कराई जा रही है। प्रकरण में सभी तथ्यों की गहनता से छानबीन कर अग्रिम विधिक कार्यवाही प्रचलित है। मौके पर शांति व्यवस्था कायम है।”
पुलिस इस मामले में सभी संभावित पहलुओं की जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच में तंत्र-मंत्र या अंधविश्वास से जुड़े होने की संभावना पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके अलावा, यह भी पता लगाया जा रहा है कि कब्र से शव को किसने और क्यों निकाला।
ग्रामीणों में दहशत और तंत्र-मंत्र की चर्चा
इस घटना ने शहदौली पटहेरिया गांव और आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। ग्रामीणों के बीच यह चर्चा जोरों पर है कि बच्ची के शव को तांत्रिक अनुष्ठान के लिए कब्र से निकाला गया हो सकता है। शव के पास मिले संदिग्ध सामान और नग्न अवस्था में शव की बरामदगी ने इन अटकलों को और बल दिया है। कुछ ग्रामीणों का मानना है कि यह किसी तांत्रिक या अंधविश्वास में लिप्त व्यक्ति का काम हो सकता है, जो इस तरह की गतिविधियों के लिए शव का उपयोग करता हो।
हालांकि, पुलिस ने अभी तक तंत्र-मंत्र की आशंका की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच के नतीजों के बाद ही इस मामले में स्पष्टता आएगी।
तंत्र-मंत्र से जुड़े अन्य मामले
यह पहला मौका नहीं है जब उत्तर प्रदेश में तंत्र-मंत्र से जुड़ी ऐसी घटनाएं सामने आई हों। बीते कुछ वर्षों में कई बार ऐसी वारदातें दर्ज की गई हैं, जहां शवों को कब्र से निकालकर तांत्रिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करने की आशंका जताई गई। उदाहरण के लिए, 2024 में रामपुर के थाना केमरी क्षेत्र में एक चार वर्षीय बच्चे का अधजला शव नाले में मिला था, जिसके पीछे भी तंत्र-मंत्र की आशंका जताई गई थी। इसी तरह, बगहा (बिहार) में एक महिला तांत्रिक द्वारा मृत बच्चे को जीवित करने के दावे के बाद शव को कब्र से निकालने का मामला सामने आया था।
सामाजिक और प्रशासनिक चुनौतियां
यह घटना न केवल एक आपराधिक मामला है, बल्कि सामाजिक स्तर पर अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र जैसी कुप्रथाओं को भी उजागर करती है। उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में अंधविश्वास से जुड़े अपराध समय-समय पर सामने आते रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता अभियान और सख्त कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता है।
कुशीनगर पुलिस ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और शांति बनाए रखें। साथ ही, पुलिस ने यह भी आश्वासन दिया है कि इस मामले में दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाएगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
आगे की जांच और अपील
पुलिस इस मामले में आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है और संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की जा रही है। शव की स्थिति और मौके पर मिले सामानों के आधार पर यह भी जांच की जा रही है कि कहीं यह किसी बड़े तांत्रिक गिरोह का काम तो नहीं है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और वे इस घटना से गहरे सदमे में हैं।
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत नजदीकी थाने में दें। साथ ही, प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
कुशीनगर की इस घटना ने न केवल स्थानीय समुदाय को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि समाज में व्याप्त अंधविश्वास और तांत्रिक प्रथाओं पर भी सवाल उठाए हैं। पुलिस की जांच से उम्मीद है कि इस मामले का सच जल्द सामने आएगा और दोषियों को कठोर सजा मिलेगी। तब तक, यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि शिक्षा और जागरूकता के अभाव में ऐसी कुप्रथाएं कितना नुकसान पहुंचा सकती हैं।
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