आगरा। वैष्णो देवी से लौटते समय मंगलवार को भूस्खलन में जान गंवाने वालों के शव शनिवार को ताबूत में रकाबगंज पहुंचे। साथ में गई बेटी परिवार के लोगों से लिपट गई। रोते हुए आंखों के सामने आयी प्रलय के बारे बताने लगी। शव आने की सूचना पर भारी संख्या में शहर भर में लोग जुट गए।
रकाबगंज के कुम्हारपाड़ा के रहने वाले अर्जुन सिंह अपनी पत्नी सुनीता, पुत्र दीपक और पुत्रवधू मोना के साथ पौत्री सेजल का मुंडन कराने 24 अगस्त को वैष्णो देवी गए थे। दंपती के साथ बेटी जैसमीन, दामाद मोहित कुमार, पौत्री एंजल व पुत्रवधू की 12 वर्षीय बहन भावना भी थी। दंपती 26 अगस्त को वैष्णो देवी से लौट रहे थे। जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में हुए भूस्खलन में सभी लोग चपेट में आ गए थे। हादसे में अर्जुन सिंह उनकी पत्नी सुनीता, पौत्री सेजल व पुत्रवधू की बहन भावना की मृ़त्यु हो गई। सुनीता समेत तीन लोगों के शव मिल गए थे। अर्जुन सिंह का शव शुक्रवार को मलबे से बरामद किया गया। जैसमीन ने बताया कि भाई दीपक लघुशंका के लिए चला गया था। वह परिवार के सदस्यों से कुछ कदम आगे चल रही थी।
इसी दौरान भूस्खलन हुआ, गड़गड़ाहट के साथ तेज आवाज से वह दहशत में आ गई। पलटकर देखा तो लगा कि प्रलय आ गई है। हादसे में मोना समेत अन्य लोग भी घायल हुए हैं। अर्जुन सिंह का शव बरामद होने के बाद चारों शवों को श्राइन बोर्ड द्वारा आगरा रवाना किया गया था। शनिवार शाम को चारों शव पहुंचने की जानकारी होने पर सैकडों लोग जुट गए। रकाबगंज थाने के सामने से लेकर बस्ती तक लोगों की भीड़ जुटी रही। ताबूत में शवों के घर पहुंचने पर बस्ती वालों की आंखें नम हो गईं।
मृतकों का अंतिम संस्कार ताजगंज स्थित श्मशान घाट पर किया गया। जबकि 12 वर्षीय भावना का शव शाहगंज के प्रकाश नगर ले जाया गया। वहां पर उसका अंतिम संस्कार किया गया।