आगरा। दुनिया भर में मोहब्बत की मिसाल माने जाने वाले ताजमहल की चमक कुछ दबंग गाइडों और कमीशनखोरी के खेल ने फीकी कर दी है। ताजमहल की पश्चिमी पार्किंग, पुरानी मंडी और नीम तिराहे से लेकर आसपास के क्षेत्रों में गाइडों व दलालों का एक संगठित गिरोह सक्रिय है, जो पर्यटकों से ठगी, वसूली और जबरन खरीदारी कराने जैसे कृत्यों से आगरा की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब कर रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, पार्किंग में दबंग गाइड न सिर्फ बाहरी पर्यटकों को गलत रास्ते से पकड़ते हैं, बल्कि झुंड बनाकर नंबर की आवाज लगाते हुए पर्यटक तक पहुँचने से पहले ही उन्हें “बेच” देते हैं। यही नहीं, कई गाइड ताजमहल घुमाने के बाद पर्यटकों को जबरन शो-रूम और दुकानों पर ले जाते हैं, जहां खरीदारी कराने के नाम पर 50% तक कमीशन वसूला जाता है। इससे न केवल पर्यटक परेशान हो रहे हैं, बल्कि शहर की पर्यटन साख पर भी गहरा असर पड़ रहा है।चौंकाने वाली बात यह है कि कई गाइड फर्जी मार्कशीट के आधार पर लाइसेंस लेकर सक्रिय हैं।
सूत्र बताते हैं कि इनमें ऐसे लोग भी शामिल हैं जिन्हें सही से हिंदी बोलना तक नहीं आती, फिर भी वे विदेशी और भारतीय पर्यटकों को उल्टा-सीधा इतिहास पढ़ा रहे हैं। कई स्थानीय लेवल के गाइड बिना किसी अनुमति के विदेशी पर्यटकों को घुमाकर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
जानकारों का कहना है कि यदि उच्च अधिकारी सिर्फ दस मिनट का इतिहास टेस्ट ले लें, तो आधे से ज्यादा गाइड तुरंत बेनकाब हो जाएंगे। ताजमहल परिसर में करीब 2,000 से अधिक गाइड कार्यरत हैं, जिनमें कई पर आपराधिक मुकदमे भी दर्ज हैं, जिन्हें तत्काल छांटा जाना आवश्यक है।
पर्यटन विशेषज्ञों का दावा है कि अगर यह सिंडिकेट समय रहते नहीं रोका गया, तो आगरा की अंतरराष्ट्रीय पहचान और पर्यटन उद्योग को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। शहर के सम्मान और पर्यटकों की सुरक्षा की खातिर प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।





