आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के थाना एत्माद्दौला क्षेत्र के हनुमान नगर निवासी 65 वर्षीय जगदीश प्रसाद राठौर की रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। सोमवार सुबह आरपीएफ ने उन्हें रेलवे का कबाड़ चोरों से खरीदने के आरोप में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। इसके बाद रेलवे कोर्ट में पेशी होने पर उन्हें जेल भेज दिया गया। बुधवार देर रात तबीयत खराब होने की सूचना मिलने पर एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां सुबह 3 बजे उनकी मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया है कि आरपीएफ ने उन्हें गलत तरीके से फंसाया और मारपीट की, जिससे उनकी मौत हुई। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। आरपीएफ का दावा है कि मौत प्राकृतिक कारणों से हुई।
घटना का क्रम
- सोमवार सुबह: आरपीएफ ने जगदीश प्रसाद को कबाड़ चोरी के मामले में हिरासत में लिया। उनके पास से 118 किलो कबाड़ बरामद किया गया।
- रेलवे कोर्ट: पूछताछ के बाद मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, जहां से जेल भेजा गया।
- बुधवार रात 10 बजे: बेटे देवेंद्र को फोन आया कि पिता की तबीयत खराब है, एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं।
- मेडिकल कॉलेज में स्थिति: देवेंद्र पहुंचे तो पिता बात कर रहे थे, लेकिन पैर बुरी तरह सूजा और लाल पड़ गया था। इससे मारपीट का संदेह हुआ।
- सुबह 3 बजे: मौत हो गई। शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
परिवार का आरोप
मृतक के बेटे देवेंद्र ने बताया कि पिता निर्दोष थे और बेवजह फंसाए गए। हिरासत में मारपीट की वजह से पैर की चोट लगी, जो मौत का कारण बनी। परिवार ने आरपीएफ पर गलत तरीके से गिरफ्तारी और यातना का आरोप लगाया है। परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।
आरपीएफ का पक्ष
आरपीएफ प्रभारी यमुना ब्रिज देवी सिंह ने कहा कि जगदीश प्रसाद ने चोरी का कबाड़ खरीदा था। 118 किलो कबाड़ बरामद होने के बाद कोर्ट में पेश किया गया और जेल भेजा गया। तबीयत खराब होने पर तुरंत एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां मौत हो गई। उन्होंने मारपीट के आरोपों को सिरे से खारिज किया और कहा कि मौत प्राकृतिक कारणों से हुई। जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।
विशेष बिंदु
- संदिग्ध मौत: उत्तर प्रदेश में पुलिस/आरपीएफ हिरासत में मौत के मामले बढ़ रहे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सच्चाई सामने आएगी।
- परिजनों का आक्रोश: परिवार ने एसएसपी और डीएम से शिकायत की है। अगर आरोप सिद्ध हुए, तो आरपीएफ पर सख्त कार्रवाई हो सकती है।
- कानूनी प्रक्रिया: मामला रेलवे कोर्ट के दायरे में है। जांच जारी है।