नई दिल्ली/एजेंसी: सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसमें केवल बीमार और आक्रामक कुत्तों को शेल्टर होम में रखने का निर्देश दिया गया है। इस फैसले का बॉलीवुड सितारों जॉन अब्राहम और रवीना टंडन ने जोरदार समर्थन किया है, इसे जानवरों के कल्याण और समाज की सुरक्षा के बीच संतुलन स्थापित करने वाला कदम बताया है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले में स्पष्ट किया गया है कि स्वस्थ और गैर-आक्रामक आवारा कुत्तों को उनके प्राकृतिक वातावरण में रहने दिया जाएगा, जबकि बीमार या हिंसक प्रवृत्ति वाले कुत्तों को शेल्टर होम में उचित देखभाल के लिए भेजा जाएगा। यह फैसला लंबे समय से चली आ रही बहस को संबोधित करता है, जिसमें आवारा कुत्तों के प्रबंधन और उनके कारण होने वाली घटनाओं पर विचार किया गया।
बॉलीवुड अभिनेता जॉन अब्राहम, जो पशु कल्याण के लिए सक्रिय रूप से काम करते हैं, ने इस फैसले का स्वागत करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “सद्बुद्धि की जीत हुई है। यह सही दिशा में पहला कदम है।” उनकी पोस्ट में इस फैसले को मानवीय और तर्कसंगत दृष्टिकोण से देखे जाने की बात कही गई।
इसी तरह, अभिनेत्री रवीना टंडन ने भी इस फैसले की सराहना की और इसे पशु प्रेमियों के लिए एक बड़ी जीत बताया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा, “डोगेश भाई तुम आगे बढ़ो, हम तुम्हारे साथ हैं। सद्बुद्धि की जीत हुई। शुक्रिया सुप्रीम कोर्ट और माननीय CJI।” रवीना ने इस फैसले को संतुलित और व्यावहारिक बताते हुए कहा कि यह समाज और आवारा कुत्तों दोनों के हित में है।
फैसले का महत्व
यह फैसला तब आया है, जब देशभर में आवारा कुत्तों के हमलों और उनके प्रबंधन को लेकर बहस तेज हो रही थी। कई शहरों में कुत्तों के हमले की घटनाओं ने स्थानीय प्रशासन और पशु कल्याण संगठनों के बीच तनाव पैदा कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट का यह निर्देश न केवल इन घटनाओं को नियंत्रित करने में मदद करेगा, बल्कि पशु कल्याण को भी बढ़ावा देगा।
कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि शेल्टर होम्स में कुत्तों की उचित देखभाल के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएं। साथ ही, स्थानीय निकायों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि स्वस्थ कुत्तों को अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाए।
पशु प्रेमियों और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
पशु कल्याण संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया है। पेटा इंडिया की एक प्रवक्ता ने कहा, “यह फैसला आवारा कुत्तों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण को दर्शाता है। हमें उम्मीद है कि स्थानीय प्रशासन इस निर्देश का पालन करेगा और शेल्टर होम्स में बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी।”
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले को लागू करने में चुनौतियां आ सकती हैं। शहरी क्षेत्रों में शेल्टर होम्स की कमी और संसाधनों की सीमित उपलब्धता इस दिशा में बड़ा रोड़ा हो सकती है।
आगे की राह
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से न केवल आवारा कुत्तों के प्रबंधन में सुधार होगा, बल्कि यह पशु कल्याण और मानव सुरक्षा के बीच संतुलन स्थापित करने में भी मदद करेगा। बॉलीवुड सितारों की ओर से इस फैसले को मिला समर्थन इसे और भी चर्चा में ला रहा है। अब यह जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन और समाज की है कि वे इस फैसले को प्रभावी ढंग से लागू करें।
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