एटा: जिले के अलीगंज विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रह चुके समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामेश्वर सिंह यादव को 26 सितंबर 2025 को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से रिहाई मिली। लगभग तीन साल से अधिक समय जेल में बिताने के बाद 5 अक्टूबर को वे जैथरा स्थित अपने आरएस कोल्ड स्टोरेज पर कार्यकर्ताओं से मिले। इस दौरान वे भावुक हो गए और फूट-फूटकर रो पड़े। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे अपना दर्द बयां करते नजर आ रहे हैं।
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए रामेश्वर सिंह यादव ने कहा, “75 वर्ष की उम्र में मुझे बलात्कार जैसे झूठे मुकदमों में फंसाकर जेल भेजा गया। उन महिलाओं को मैं जानता तक नहीं।” उन्होंने अपनी रिहाई को गोपनीय रखने की वजह बताते हुए आरोप लगाया कि अगर खबर लीक हो जाती, तो उन्हें और उनके भाई जुगेंद्र सिंह यादव को जेल से बाहर नहीं आने दिया जाता। भावुक मुद्रा में उन्होंने कहा, “इन दुष्टों ने मुझे जिंदा रहने के काबिल नहीं छोड़ा।” यह सुनकर कार्यकर्ता कुछ देर के लिए स्तब्ध रह गए, लेकिन बाद में ‘रामेश्वर सिंह यादव जिंदाबाद’ के नारों से उनका हौसला बढ़ाया।
रामेश्वर सिंह यादव (75 वर्ष) अलीगंज से 1996, 2002 और 2012 में सपा की टिकट पर विधायक चुने गए थे। 2017 और 2022 में वे चुनाव हार गए। उनके भाई जुगेंद्र सिंह यादव (पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष) को भी उसी दिन हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। जुगेंद्र को 9 मार्च 2023 को मथुरा के जैत मोड़ से गिरफ्तार किया गया था, और पुलिस ने उन पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। रामेश्वर को 9 जून 2022 को आगरा से गिरफ्तार कर एटा जेल भेजा गया था, बाद में सुरक्षा कारणों से अलीगढ़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया। दोनों भाइयों पर लगभग 100-100 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें गैंगस्टर एक्ट, बलात्कार और सरकारी जमीन पर कब्जे जैसे आरोप शामिल हैं।
रिहाई के बाद एटा की राजनीति में हलचल मच गई है। सपा कार्यकर्ताओं में उत्साह की लहर है, और विश्लेषकों का मानना है कि यह 2027 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को मजबूती देगा। जुगेंद्र की पत्नी रेखा यादव वर्तमान में जिला पंचायत अध्यक्ष हैं, जो सपा की स्थानीय ताकत को दर्शाती हैं। दोनों भाई सपा महासचिव राम गोपाल यादव के रिश्तेदार भी हैं।
मुख्य बिंदु:
- गिरफ्तारी का इतिहास: रामेश्वर (2022), जुगेंद्र (2023) – गैंगस्टर और अन्य मामलों में।
- जमानत: 26 सितंबर 2025 को हाईकोर्ट से सभी मामलों में मंजूर।
- राजनीतिक प्रभाव: एटा-कासगंज में सपा का जनाधार मजबूत होने की उम्मीद।
- वायरल वीडियो: रोते हुए दर्द बयां करने का वीडियो सोशल मीडिया पर लाखों व्यूज बटोर रहा।
- रिपोर्ट – सुनील गुप्ता