कानपुर: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में अपनी जान गंवाने वाले कानपुर के कारोबारी शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशान्या द्विवेदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा भाषण पर निराशा जताई है। ऐशान्या ने कहा कि पीएम ने अपने भाषण में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और आतंकवाद के खिलाफ सरकार के कदमों का विस्तार से जिक्र किया, लेकिन हमले में मारे गए 26 लोगों का नाम तक नहीं लिया, जिससे उन्हें गहरा दुख हुआ है।
ऐशान्या ने कहा, “प्रधानमंत्री ने आज सब कुछ विस्तार से बताया, लेकिन एक बात जिसका मुझे सबसे ज्यादा दुख है कि उन्होंने उन 26 मृतकों के लिए कुछ नहीं बोला। यह एक ऐसी त्रासदी थी, जिसमें मेरे पति सहित कई बेगुनाहों ने अपनी जान गंवाई।” उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस नेताओं प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने पीड़ितों का जिक्र किया और उनके प्रति संवेदना व्यक्त की, जिसके लिए वे उनका आभार व्यक्त करती हैं।
ऐशान्या ने यह भी मांग की कि पहलगाम हमले के सभी 26 पीड़ितों को ‘शहीद’ का दर्जा दिया जाए और उनके परिवारों को समर्थन प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा, “मैं केवल 27-28 साल की हूं। मेरे पति इस देश के बेटे थे। अगर देश अपने नागरिकों के साथ खड़ा है, तो अब यह दिखाने का समय है।” उन्होंने राष्ट्रीय एकता पर जोर देते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है और सेना या सरकार पर सवाल उठाने से देश कमजोर होता है।
लोकसभा में सोमवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा हुई, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह ऑपरेशन 22 मिनट में पूरा हुआ और पहलगाम हमले का बदला लिया गया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ऑपरेशन को “रोका” गया है, क्योंकि सैन्य बलों ने अपने राजनैतिक-सैन्य उद्देश्यों को प्राप्त कर लिया था।
ऐशान्या ने कहा, “पिछले तीन महीनों से हम इंतजार कर रहे थे कि संसद में इस मुद्दे पर चर्चा हो। आज की चर्चा से मुझे उम्मीद थी कि 26 शहीदों, उनके परिवारों और विधवाओं के लिए कुछ ठोस कदम उठाए जाएंगे।”
संदर्भ:
🔹पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत, जिसमें शुभम द्विवेदी भी शामिल थे, जो अपनी पत्नी और रिश्तेदारों के साथ बाईसरण घाटी की सैर पर गए थे।
🔹’ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकाने नष्ट किए गए।
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