शारदीय नवरात्रि 2025:
हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। यह पर्व मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का पर्व है, जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर 2025 (सोमवार) से शुरू होकर 1 अक्टूबर 2025 (बुधवार) तक मनाई जाएगी।
इस बार यह पर्व कुल 10 दिनों तक चलेगा, क्योंकि तृतीया तिथि दो दिन पड़ रही है। नवरात्रि का समापन 1 अक्टूबर को महानवमी के साथ होगा, जबकि विजयादशमी (दशहरा) 2 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी।
घटस्थापना के शुभ मुहूर्त
नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना से होती है। इस वर्ष इसके लिए दो प्रमुख शुभ समय उपलब्ध हैं –
प्रातःकालीन शुभ मुहूर्त: 22 सितंबर, सुबह 6:09 बजे से 8:06 बजे तक।
अभिजीत मुहूर्त: 22 सितंबर, सुबह 11:49 बजे से दोपहर 12:38 बजे तक।
(इसके अतिरिक्त ब्रह्म मुहूर्त 4:35 से 5:22 बजे तक भी उत्तम माना गया है।)
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पूजा विधि
🔹स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और घर के पूजा स्थल पर मिट्टी की वेदी बनाकर जौ/गेहूं बोएं।
🔹कलश में जल भरकर उसमें सुपारी, सिक्का, पंचामृत, दूर्वा, आम के पत्ते डालें और नारियल रखें।
🔹गणेश पूजन के बाद मां दुर्गा की प्रतिमा/चित्र की स्थापना करें।
🔹रोजाना दीप-धूप, पुष्प, अक्षत, नैवेद्य चढ़ाएं और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
🔹नौ दिन अखंड ज्योति जलाएं और फलाहार का पालन करें।
🔹अष्टमी व नवमी पर कन्या पूजन और हवन अनिवार्य है।
शारदीय नवरात्रि 2025 – नौ दिन और नौ स्वरूप
1. प्रतिपदा (22 सितम्बर): माँ शैलपुत्री
मंत्र:- “ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः”
साधना से चंद्र दोष दूर होता है।
2. द्वितीया (23 सितम्बर): माँ ब्रह्मचारिणी
मंत्र: – “ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः”
साधना से तप, संयम और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
3. तृतीया (24 सितम्बर): माँ चंद्रघंटा
मंत्र: – “ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः”
साधना से शत्रु भय और रोग नष्ट होते हैं।
4. तृतीया (25 सितम्बर): माँ कूष्मांडा
मंत्र:- “ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः”
साधना से आरोग्य और समृद्धि प्राप्त होती है।
5. चतुर्थी (26 सितम्बर): माँ स्कंदमाता
मंत्र: – “ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः”
साधना से संतान सुख और बुद्धि की वृद्धि होती है।
6. पंचमी (27 सितम्बर): माँ कात्यायनी
मंत्र: – “ॐ देवी कात्यायन्यै नमः”
साधना से विवाह बाधाएं दूर होती हैं।
7. षष्ठी (28 सितम्बर): माँ कालरात्रि
मंत्र: – “ॐ देवी कालरात्र्यै नमः”
साधना से शत्रु विनाश और कष्टों का अंत होता है।
8. सप्तमी (29 सितम्बर): माँ महागौरी
मंत्र:- “ॐ देवी महागौर्यै नमः”
साधना से शांति, सौंदर्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
9. अष्टमी/नवमी (30 सितम्बर): माँ सिद्धिदात्री
मंत्र: – “ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः”
साधना से सिद्धि, सफलता और दिव्य शक्तियों की प्राप्ति होती है।
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नवरात्रि का महत्व
- भगवान श्रीराम ने रावण वध से पूर्व नवरात्रि में देवी दुर्गा की आराधना की थी।
- नवरात्रि साधना ग्रह दोष निवारण और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।
- इन नौ दिनों में देशभर के शक्ति पीठों पर विशेष मेले और जागरण का आयोजन होता है।
🙏 जय माता दी!
इस नवरात्रि मां दुर्गा की आराधना से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त हो। जिला नजर न्यूज़ नेटवर्क परिवार की ओर से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें
🔹आचार्य राजकिशोर शर्मा “राजगुरु महाराज”