लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के काकोरी इलाके में शीतला माता मंदिर के परिसर में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। एक 65 वर्षीय दलित बुजुर्ग को बीमारी के चलते अनजाने में हुई गलती पर दबंग ने न सिर्फ पीटा, बल्कि अपमानजनक तरीके से मंदिर की जमीन धुलवाई और जबरन अपना ही पेशाब चाटने पर मजबूर कर दिया। यह घटना सोमवार शाम (21 अक्टूबर) को दिवाली के पावन अवसर पर घटी, जब पूरा समाज उल्लास में डूबा हुआ था। पीड़ित बुजुर्ग सांस की पुरानी बीमारी से जूझ रहे हैं, और इस घटना ने दलित समुदाय में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है।
घटना का पूरा विवरण
पीड़ित का नाम रामपाल रावत (कुछ रिपोर्ट्स में सिर्फ रामपाल) है, जो काकोरी के हाता हजरत साहिब क्षेत्र के निवासी हैं। पुलिस शिकायत के अनुसार, रामपाल मंदिर के पास पानी पी रहे थे, जब उनकी सांस की तकलीफ बढ़ गई। इस दौरान वे मंदिर की सीढ़ियों पर बैठ गए, और बीमारी के कारण उनका मूत्र अनियंत्रित हो गया। यह देखते ही पास की दुकान चलाने वाले आरोपी स्वामी कांत उर्फ ‘पम्मू’ (जो खुद को आरएसएस कार्यकर्ता बताता है) ने गुस्से में आकर रामपाल पर हमला बोल दिया।
आरोपी ने रामपाल को जातिसूचक गालियां दीं, उन्हें बुरी तरह पीटा, और फिर मंदिर के फर्श को गंदा करने के आरोप में जबरन साफ करवाया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपी ने रामपाल को जमीन पर लिटाकर अपना ही मूत्र चाटने के लिए मजबूर किया। रामपाल ने दर्द और अपमान सहते हुए किसी तरह खुद को छुड़ाया और काकोरी थाने पहुंचे, जहां उन्होंने लिखित शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
काकोरी के एसीपी शकील अहमद ने पुष्टि की, “पीड़ित की शिकायत पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी हिरासत में है, और जांच जारी है।” हालांकि, आरोपी पक्ष का दावा है कि रामपाल को सिर्फ जमीन छूने को कहा गया था, न कि चाटने को।
राजनीतिक बवाल: विपक्ष ने BJP पर साधा निशाना
यह घटना राजनीतिक रंग ले चुकी है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा, “किसी की गलती का मतलब यह नहीं कि उसे अपमानजनक, अमानवीय सजा दी जाए। बदलाव ही बदलाव लाएगा!” कांग्रेस ने भी इसे ‘मानवता पर काला धब्बा’ बताते हुए BJP सरकार पर निशाना साधा, “लखनऊ में एक RSS कार्यकर्ता ने बीमार दलित बुजुर्ग को जबरन पेशाब चटवाया। यह दलित विरोधी मानसिकता का नंगा नाच है।”
दलित संगठनों और मानवाधिकार समूहों ने सख्त सजा की मांग की है। स्थानीय निवासियों ने भी विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं, और सोशल मीडिया पर #JusticeForRampal ट्रेंड कर रहा है। एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें रामपाल की हालत और आरोपी का रवैया साफ दिख रहा है।
व्यापक संदर्भ: दलित अत्याचारों की बढ़ती श्रृंखला
यह घटना अकेली नहीं है। हाल ही में मध्य प्रदेश के भिंड जिले में एक 25 वर्षीय दलित युवक को उसके पूर्व नियोक्ता ने अपहरण कर पीटा और दो बार जबरन मूत्र पिलाया, जिसके बाद तीन आरोपी गिरफ्तार हुए। इसी तरह, कटनी में अवैध खनन का विरोध करने वाले दलित युवक को पीट-पीटकर मूत्र पिलाया गया। ये घटनाएं SC/ST एक्ट के बावजूद दलितों पर हो रहे अत्याचारों की गंभीर तस्वीर पेश करती हैं।
अपील और आगे की कार्रवाई
पीड़ित रामपाल के पोते ने बताया, “दादाजी को सांस की दिक्कत है, वे खांसते समय अनजाने में ऐसा हो गया। लेकिन आरोपी ने जाति का हवाला देकर अपमान किया।” पुलिस जांच पूरी होने के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की जाएगी। इस बीच, स्थानीय प्रशासन ने मंदिर क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी है।
यह घटना समाज को सोचने पर मजबूर करती है कि पावन स्थलों पर भी जातिवाद का साया कैसे बरकरार है। हम उम्मीद करते हैं कि न्याय मिले और ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। अधिक अपडेट के लिए बने रहें।
_______________






