आगरा: डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (DBRAU) की एक पीएचडी छात्रा ने रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर गौतम जैसवार पर दुष्कर्म और शारीरिक शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं। थाना न्यू आगरा में दर्ज मुकदमे के अनुसार, प्रोफेसर ने शादी का झांसा देकर छात्रा का दो वर्षों से शोषण किया। यह मामला विश्वविद्यालय की साख पर बड़ा धब्बा साबित हो रहा है, खासकर जब प्रोफेसर को कुछ माह पहले ही दीक्षांत समारोह में बेस्ट प्रोफेसर अवार्ड से सम्मानित किया गया था। कुलपति ने मामले की तत्काल जांच के आदेश दिए हैं।

छात्रा के आरोप: शादी का लालच, होटलों में शोषण

खंदारी परिसर के आईबीएस (इंस्टीट्यूट ऑफ बेसिक साइंसेज) में रसायन विज्ञान विभाग में तैनात प्रोफेसर गौतम जैसवार के खिलाफ छात्रा ने शनिवार को तहरीर दी। पीड़िता ने बताया कि वह पिछले दो साल से प्रोफेसर के मार्गदर्शन में पीएचडी कर रही है। इसी दौरान प्रोफेसर ने शादी का वादा किया और भावनाओं का फायदा उठाकर बार-बार शारीरिक संबंध स्थापित किए। छात्रा का आरोप है कि प्रोफेसर विभाग में अकेलेपन का फायदा उठाते थे और उन्हें तब बुलाते थे जब कोई नहीं होता।

  • खजुराहो होटल कांड: प्रोफेसर ने शादी का झांसा देकर छात्रा को मध्य प्रदेश के खजुराहो ले जाकर शोषण किया।
  • बरसाना नाइट स्टे: बरसाना में एक नाइट स्टे के दौरान भी यही हरकत दोहराई गई।
  • धमकियां और सबूत मिटाना: जब छात्रा ने शादी की बात उठाई, तो प्रोफेसर ने टालमटोल शुरू कर दी। उन्होंने छात्रा का मोबाइल फोन तोड़ दिया, जान से मारने की धमकी दी और करियर बर्बाद करने की चेतावनी दी।

पुलिस ने देर रात मुकदमा दर्ज कर लिया है। छात्रा ने प्रोफेसर की अश्लील बातों का ऑडियो भी सौंपा है, जिसकी फोरेंसिक जांच चल रही है। साक्ष्य संकलन के लिए पुलिस खजुराहो और बरसाना भी जा सकती है। प्रोफेसर की गिरफ्तारी जल्द होने की संभावना है।

विश्वविद्यालय की साख पर सवाल: बेस्ट प्रोफेसर अवार्ड का रहस्य

हैरानी की बात है कि प्रोफेसर गौतम जैसवार को कुछ माह पहले विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बेस्ट प्रोफेसर अवार्ड मिला था। अब सवाल उठ रहा है कि चयन प्रक्रिया में क्या मापदंड अपनाए गए थे? विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आंतरिक जांच शुरू कर दी है। कुलपति ने कहा कि दोषी को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।

मामला दबाने की कोशिश: एक अन्य प्रोफेसर पर विजिलेंस की नजर

विश्वविद्यालय के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, मामले को दबाने के लिए एक अन्य प्रोफेसर ने काफी प्रयास किए। चर्चा है कि इस प्रोफेसर की नियुक्ति पर पहले से ही विजिलेंस विभाग की जांच चल रही है। आरोप है कि उन्होंने एक विषय में पीएचडी की डिग्री के आधार पर दूसरे विषय में नौकरी हासिल की और फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। इस नए विवाद के बाद उनकी नौकरी पर भी खतरा मंडरा रहा है।

पिछले मामलों से विश्वविद्यालय की छवि धूमिल

यह पहला मामला नहीं है। दो साल पहले समाज विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर राजीव वर्मा पर भी एक छात्रा ने शोषण के आरोप लगाए थे। लगातार सामने आ रहे ऐसे कांडों से विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को झटका लग रहा है। अभिभावक चिंतित हैं कि बेटियों को इस संस्थान में कैसे सुरक्षित रखा जाए। छात्र संगठनों ने प्रोफेसर की तत्काल गिरफ्तारी और विश्वविद्यालय में सख्त निगरानी की मांग की है।

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