संत शिरोमणि नामदेव को जयंती पर समाजवादी पार्टी ने याद किया
रूधौली विधायक राजेन्द्र प्रसाद चौधरी एवं कप्तानगंज विधायक कवीन्द्र चौधरी ने कहा कि संत नामदेव के समय महाराष्ट्र में नाथ पंथ का प्रचार था। लेकिन नामदेव बाह्य आडंबरों के विरोधी थे। मुखबानी नामक पुस्तक में इनकी रचनाएँ संग्रहित हैं। आज भी इनके रचित गीत पूरे महाराष्ट्र में भक्ति और प्रेम के साथ गाए जाते हैं। ये 80 वर्ष की अवस्था में समाधि में लीन हो गये। वरिष्ठ सपा नेता दयाशंकर मिश्रा ने कहा संत शिरोमणि नादमेव का पूरा जीवन समाज सुधार में बीता। वे अपनी रचनाओं और भक्ति गीतों से समाज में फैली बुराइयों को दूर करना चाहते थे।
उन्होने कहा हर देश काल में संत नामदेव जैसे महान संतों की आवश्यकता है जो समाज को गलत रास्ते पर जाने से रोकें और जड़ बन रही असमानता को नष्ट कर समता का प्रसार करे। जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में जमील अहमद, समीर चौधरी, जावेद पिण्डारी, मो. सलीम आदि ने भी अपने विचार साझा किये। मौके पर राजेन्द्र चौरसिया, अरविन्द सोनकर, मो. युनुस आलम, राहुल सोनकर, विपिन त्रिपाठी, अबकर अली, विरेन्द्र यादव, नित्यराम चौधरी, हनुमान प्रसाद चौधरी, मुरली पाण्डेय, अशोक कुमार यादव, रजनीश यादव, मो. सलीम, प्रधान तूफानी, लालमन यादव, गौशंकर यादव, चन्द्रहास, सुनील यादव, सुशील यादव आदि की उपस्थिति रही।






