लखनऊ: सहारा इंडिया के संस्थापक स्वर्गीय सुब्रत रॉय की पत्नी सपना रॉय को अब गोमतीनगर में 170 एकड़ में फैले सहारा शहर के आलीशान महल जैसे घर को खाली करना होगा। लखनऊ नगर निगम ने शनिवार को सहारा शहर की जमीन पर कब्जा ले लिया है और इस संबंध में 11 सितंबर को नोटिस जारी किया जा चुका है। यदि सपना रॉय ने निर्धारित समय में मकान खाली नहीं किया, तो इसे सील कर दिया जाएगा।

गोमतीनगर के विपुलखंड में स्थित 170 एकड़ का सहारा शहर 1994 में सहारा इंडिया हाउसिंग लिमिटेड को आवासीय कॉलोनी विकसित करने के लिए नगर निगम द्वारा आवंटित किया गया था। इस योजना के तहत मकान और प्लॉट आवंटियों को दिए जाने थे, लेकिन शर्तों का उल्लंघन होने पर 1997 में नगर निगम ने लाइसेंस और लीज डीड निरस्त करने का नोटिस जारी किया था। इसके बाद यह मामला कानूनी पचड़े में फंस गया।

दशकों तक चले विवाद के बाद नगर निगम ने अब इस जमीन पर कब्जा ले लिया है और वहां अपना बोर्ड भी लगा दिया है। सहारा शहर में अभी तक किसी भी आवंटी को मकान या प्लॉट नहीं मिला है, जबकि सहारा प्रमुख का परिवार वहां करीब एक लाख वर्ग फीट में बने आलीशान मकान में रहता है। स्वर्गीय सुब्रत रॉय के निधन के बाद उनकी पत्नी सपना रॉय इस मकान में अपने कर्मचारियों के साथ रह रही हैं।

नगर निगम का सख्त रुख

नगर निगम के संपत्ति प्रभारी रामेश्वर प्रसाद ने बताया कि सहारा शहर की जमीन खाली कराने के लिए 11 सितंबर को नोटिस जारी किया गया था। इससे पहले भी कई नोटिस दिए जा चुके हैं, इसलिए मकान खाली करने के लिए अब अलग से कोई नोटिस नहीं दिया जाएगा। नगर आयुक्त गौरव कुमार ने स्पष्ट किया, “जमीन का कब्जा ले लिया गया है। वहां रह रहे लोगों को सूचित कर दिया गया है कि वे अपना इंतजाम कर मकान खाली करें।”

योजना के फेल होने का असर

सहारा शहर की योजना यदि सफल होती तो करीब एक लाख लोगों को आवासीय सुविधा मिल सकती थी। हालांकि, यह परियोजना शुरू से ही विवादों में रही और कभी पूरी नहीं हो सकी। अब जमीन पर कब्जा लेने के बाद इसका भविष्य क्या होगा, इस पर नगर आयुक्त गौरव कुमार ने कहा कि शासन के निर्देशों के अनुसार जमीन का उपयोग किया जाएगा।

सपना रॉय को मिली मोहलत

नगर निगम ने सपना रॉय को मकान खाली करने के लिए कुछ समय की मोहलत दी है। लेकिन यदि वह समय पर मकान खाली नहीं करतीं, तो नगर निगम मकान को सील करने की कार्रवाई करेगा। यह कदम सहारा शहर के लंबे समय से चले आ रहे विवाद को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

क्या कहते हैं स्थानीय लोग?

स्थानीय लोगों और आवंटियों का कहना है कि सहारा शहर की योजना शुरू होने के बाद से ही उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें यहां मकान या प्लॉट मिलेगा, लेकिन दशकों तक इंतजार के बाद भी कुछ हासिल नहीं हुआ। अब नगर निगम की कार्रवाई से लोगों में नई उम्मीद जगी है कि इस जमीन का बेहतर उपयोग होगा।

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