मैनपुरी: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के करहल क्षेत्र के कुर्रा थाने पर बुधवार रात को एक निर्दोष दंपती से लूट के मामले में हिरासत में लिए गए तीन भाइयों के परिजनों और ग्रामीणों ने जमकर हंगामा मचाया। परिवार की महिलाओं ने पुलिस पर 50 हजार रुपये, मुर्गा और शराब की दावत मांगने का गंभीर आरोप लगाया। हंगामे के दौरान प्रभारी निरीक्षक महिलाओं के सामने हाथ जोड़ते हुए थाने से भागते नजर आए। इस घटना ने स्थानीय स्तर पर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एसपी ग्रामीण राहुल मिठास ने बृहस्पतिवार को थाने पहुंचकर मामले की जानकारी ली और जांच सीओ करहल अजय सिंह को सौंप दी।
घटना का विवरण
- घटना की शुरुआत: थाना कुर्रा क्षेत्र के गांव पड़री निवासी रोशनी के तीन भाई – धर्मेंद्र, विकास, मन्नू और भोले – को दंपती से लूट के मामले में गिरफ्तार किया गया। रोशनी ने आरोप लगाया कि भाई निर्दोष हैं और पुलिस उन्हें झूठे केस में फंसाने की कोशिश कर रही है।
- पहली गिरफ्तारी (6 अक्टूबर): रात को धर्मेंद्र को पकड़कर थाने ले जाया गया। रोशनी थाने पहुंचीं तो थानेदार ने उनसे 20 हजार रुपये, मुर्गा और शराब की दावत मांगी। रुपये लेने के बाद भी धर्मेंद्र का शांतिभंग में चालान कर दिया गया। बाद में एसडीएम कोर्ट से जमानत मिल गई।
- बाकी गिरफ्तारियां: 7 अक्टूबर को विकास और मन्नू को शाम को पकड़ा गया। बुधवार को तीसरे भाई भोले को इटावा से गिरफ्तार किया गया। थाने पहुंची रोशनी से थानेदार ने 50 हजार रुपये की मांग की, लेकिन परिवार असमर्थ होने पर हंगामा शुरू हो गया।
- हंगामा: स्थानीय नेता और ग्रामीणों के साथ रोशनी थाने पहुंचीं। संख्या अधिक होने से पुलिसकर्मी सहम गए। प्रभारी निरीक्षक हाथ जोड़ते हुए भाग निकले। सीओ करहल अजय सिंह ने पहुंचकर स्थिति संभाली और लोगों को समझाकर भेजा।
पुलिस का पक्ष और जांच
एसपी ग्रामीण राहुल मिठास ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है। कुछ दिन पहले दंपती से लूट की घटना में तीनों युवकों से पूछताछ की जा रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद सत्यता के आधार पर कार्रवाई होगी। यदि निर्दोष पाए गए, तो युवकों को रिहा कर दिया जाएगा।
मंत्री से शिकायत
बृहस्पतिवार को पीड़ित परिवार ने पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह से कुर्रा पुलिस की शिकायत की। अवैध वसूली, मुर्गा-शराब की मांग और निर्दोष युवकों को फंसाने के आरोपों को मंत्री के समक्ष रखा। मंत्री ने मामले का संज्ञान लिया है।
विशेष बिंदु
- आरोपों की गंभीरता: परिवार का दावा है कि पुलिस छुड़ाने के नाम पर धमकी दे रही थी – “भाई को छुड़ाना है तो मुझसे मिलो, वरना झूठे मुकदमे में फंसा देंगे।”
- स्थानीय प्रभाव: यह घटना ग्रामीणों में पुलिस के प्रति असंतोष बढ़ा रही है। इसी तरह के अन्य मामलों में भी अवैध वसूली की शिकायतें सामने आती रही हैं।
- अगला कदम: सीओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई तय। यदि आरोप सिद्ध हुए, तो पुलिसकर्मियों पर सख्ती हो सकती है।