आगरा: हिमाचल प्रदेश के मंडी संसदीय क्षेत्र से भाजपा सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ दायर राष्ट्रद्रोह वाद के रिवीजन पर बुधवार को विशेष न्यायाधीश (सांसद-विधायक) कोर्ट में बहस होनी थी। लेकिन विपक्षी पक्ष के अधिवक्ता के न पहुंचने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को निर्धारित की है। यह केस कंगना के किसानों को लेकर दिए गए कथित अपमानजनक बयान से जुड़ा है, जो लगातार विवादों में घिरता जा रहा है।
केस का बैकग्राउंड
अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने 11 सितंबर 2024 को आगरा की एक अदालत में राष्ट्रद्रोह (IPC धारा 124A) के तहत वाद दायर किया था। वादी का आरोप था कि कंगना रनौत ने 26 अगस्त 2024 को एक सार्वजनिक बयान में किसान आंदोलनकारियों के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां कीं। उन्होंने किसानों को “हत्या, बलात्कार और चरमपंथी” जैसे शब्दों से जोड़ते हुए आंदोलन की तुलना खालिस्तानी अलगाववाद से की थी, जिससे लाखों किसानों की भावनाओं को ठेस पहुंची। वादी ने दावा किया कि यह बयान राष्ट्र-विरोधी है और सार्वजनिक शांति भंग करने वाला।
अधीनस्थ न्यायालय ने वाद को खारिज कर दिया था, जिसके बाद वादी ने सत्र न्यायालय में रिवीजन याचिका दाखिल की। यह मामला कंगना के किसान आंदोलन पर दिए गए ट्वीट और बयानों से जुड़ा है, जिस पर पहले भी सुप्रीम कोर्ट में डिफेमेशन केस चला। सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2025 में कंगना की क्वाशिंग याचिका खारिज करते हुए टिप्पणी की थी कि उन्होंने “अपने बयानों में मसाला डाल दिया”।
कोर्ट में मंगलवार की कार्यवाही
विशेष न्यायाधीश (सांसद-विधायक) कोर्ट में बुधवार को रिवीजन पर बहस निर्धारित थी। लेकिन कंगना रनौत की ओर से पेश होने वाले अधिवक्ता के अनुपस्थित रहने के कारण कोई प्रगति नहीं हो सकी। कोर्ट ने मामले को स्थगित करते हुए अगली तारीख 16 अक्टूबर तय की। वादी के वकील ने बताया कि यह देरी पक्षकार की लापरवाही का परिणाम है, और वे पूर्ण जांच की मांग करेंगे।
कंगना के वकीलों का कहना है कि बयान को संदर्भ से हटाकर पेश किया जा रहा है, और यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला है। हालांकि, किसान संगठनों ने इसे “किसान-विरोधी” बताते हुए कड़ी निंदा की है।
विवाद की जड़: कंगना के बयान
कंगना रनौत ने 2020-21 के किसान आंदोलन के दौरान कई विवादास्पद टिप्पणियां की थीं, जिनमें उन्होंने प्रदर्शनकारियों को “आतंकवादी” और “देश-विरोधी” कहा था। इन बयानों पर पहले भी मुंबई और दिल्ली में FIR दर्ज हुईं। आगरा कोर्ट ने नवंबर 2024 में किसान आंदोलन और महात्मा गांधी पर टिप्पणियों के लिए नोटिस जारी किया था। अप्रैल 2025 में भी एक सुनवाई टली थी, जब कंगना के वकील ने जवाब न देने के कारण। यह नया रिवीजन हिमाचल के मंडी क्षेत्र से जुड़ा है, जहां कंगना सांसद हैं।
अपडेट के लिए बने रहें: अगर कोर्ट से नई जानकारी आती है, तो हम तुरंत रिपोर्ट करेंगे।