अयोध्या: रामनगरी में दीपोत्सव 2025 की तैयारियां अपने चरम पर हैं। इस बार 56 घाटों पर 28 लाख से अधिक दीये जलाकर एक नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित करने की तैयारी है। सरयू नदी के किनारे बसे घाटों पर दीयों की सजावट घाट समन्वयकों की निगरानी में की जा रही है। खास तौर पर:
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राम की पैड़ी, घाट 1: 65,000 दीयों के लिए 765 स्वयंसेवक।
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घाट 2: 38,000 दीयों के लिए 447 स्वयंसेवक।
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घाट 3: 48,000 दीयों के लिए 565 स्वयंसेवक।
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घाट 4: 61,000 दीयों के लिए 718 स्वयंसेवक।
शेष घाटों पर भी दीयों की संख्या के आधार पर स्वयंसेवकों को तैनात किया गया है।
प्रकाश और भक्ति का संगम
रामनगरी को दीप-आकार की सजावटी लाइटों और थीमेटिक LED लाइटों से सजाया गया है। रामपथ, धर्मपथ, जन्मभूमि पथ, हनुमानगढ़ी मार्ग और सरयू तट के आसपास की सड़कों पर लगी दीपमालाएं शाम ढलते ही टिमटिमाने लगती हैं, जो दूर से ही श्रद्धालुओं और पर्यटकों का मन मोह लेती हैं। नगर निगम, पर्यटन विभाग और संस्कृति विभाग मिलकर इस आयोजन को भव्य बनाने में जुटे हैं। शहर के प्रवेश द्वारों से लेकर राम की पैड़ी तक की सजावट उत्सव के माहौल को और भी रमणीय बना रही है।
आधुनिक तकनीक का अनोखा प्रदर्शन

इस बार दीपोत्सव में कोरियोग्राफ्ड म्यूजिकल ड्रोन शो और 3D होलोग्राफिक म्यूजिकल लेजर शो का आयोजन होगा, जो दर्शकों को एक अनूठा अनुभव प्रदान करेगा। ये तकनीकी प्रदर्शन अयोध्या को आधुनिकता और परंपरा के संगम का प्रतीक बनाएंगे। भजन संध्या स्थल पर होने वाली सांस्कृतिक प्रस्तुतियां श्रद्धालुओं को राममय भक्ति में डुबो देंगी।
अयोध्या: आस्था और विकास का प्रतीक
दीपोत्सव का यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि अयोध्या को विश्व स्तर पर दीपोत्सव की नगरी के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सरकार का पूरा प्रयास है कि अयोध्या अपनी सनातन संस्कृति और विकास की गाथा को विश्व पटल पर प्रस्तुत करे। यह उत्सव आस्था, सांस्कृतिक गौरव और आधुनिकता का अनूठा मेल प्रस्तुत करेगा।
सुरक्षा और व्यवस्था
श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। सरयू के घाटों पर जल पुलिस, सादे कपड़ों में सुरक्षाकर्मी, और जल-आकाश-थल तीनों स्तरों पर निगरानी सुनिश्चित की गई है। आयोजन स्थलों पर भीड़ प्रबंधन के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है, ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा या अनहोनी न हो।
- रिपोर्ट – देव बक्श वर्मा