मथुरा।नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम के प्रचार-प्रसार के लिए अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) मथुरा श्री सुरेश चंद्र रावत द्वारा थाना गोवर्धन पर एक जनगोष्ठी आयोजित की गई।
इस गोष्ठी में आम नागरिकों को नए कानूनों के प्रमुख प्रावधानों की जानकारी दी गई और बताया गया कि इन कानूनों का उद्देश्य त्वरित, पारदर्शी और पीड़ित-केंद्रित न्याय प्रणाली स्थापित करना है।
मुख्य बिंदु:
1️⃣ पीड़ित-केंद्रित प्रावधान – अब कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करा सकता है, साथ ही किसी भी थाने में ज़ीरो एफआईआर की सुविधा उपलब्ध है। एफआईआर की नि:शुल्क प्रति पीड़ित को दी जाएगी।
2️⃣ त्वरित न्याय और प्रक्रियात्मक सुधार – महिलाओं और बच्चों से जुड़े मामलों की जांच दो महीने में पूरी होनी आवश्यक है। छोटे मामलों के शीघ्र निपटारे के लिए संक्षिप्त सुनवाई की व्यवस्था बढ़ाई गई है।
3️⃣ अभियुक्तों के अधिकारों की सुरक्षा – मनमानी गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई है। डिजिटल साक्ष्यों (ईमेल, मोबाइल डेटा आदि) को कानूनी मान्यता दी गई है।
4️⃣ नए अपराध और कड़े दंड – आतंकवाद, मॉब लिंचिंग, संगठित अपराध जैसे मामलों में मृत्युदंड या आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया है। बार-बार चोरी करने पर न्यूनतम एक वर्ष की सजा अनिवार्य होगी।
5️⃣ पीड़ितों के लिए नई सुविधाएं – अस्पतालों में महिलाओं व बच्चों को निःशुल्क प्राथमिक उपचार अनिवार्य किया गया है। बलात्कार पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट 7 दिन के भीतर भेजना आवश्यक होगा।
6️⃣ तकनीकी व प्रशासनिक सुधार – तलाशी और जब्ती की वीडियोग्राफी अनिवार्य की गई है, बिना रिकॉर्डिंग आरोप पत्र स्वीकार नहीं होगा। डिजिटल रिकॉर्डिंग से न्याय प्रणाली और अधिक पारदर्शी बनेगी।
अपर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इन कानूनों का उद्देश्य जनसामान्य को अधिक सुरक्षित, सुलभ और न्यायपूर्ण व्यवस्था प्रदान करना है।
थाना गोवर्धन में आयोजित इस गोष्ठी में स्थानीय नागरिक, व्यापारी, सामाजिक कार्यकर्ता और पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।






