आगरा: डौकी पुलिस ने अपहरण और फिरौती के पुराने मामले में 23 वर्षों से फरार चल रहे 50 हजार रुपये के इनामी बदमाश बबलू उर्फ टाइगर उर्फ जितेंद्र को तमंचा और कारतूस सहित गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी निर्भय गुर्जर गैंग का सक्रिय सदस्य था, जो क्षेत्र में रेकी कर अपहरण करता और फिरौती वसूलने के लिए चंबल के बीहड़ों में सौंप देता था। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपी पर पुराने मामलों में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
पुराना अपहरण कांड: 11 लाख की फिरौती वसूली
पुलिस उपायुक्त पूर्वी सैयद अली अब्बास ने बताया कि 2002 में थाना पिढौरा के ग्राम राटोटी निवासी हरिओम उर्फ कल्ला (18) पुत्र मायाराम का अपहरण किया गया था। अपहरणकर्ताओं ने 11.51 लाख रुपये की फिरौती वसूली थी। इस मामले में आरोपी बबलू उर्फ टाइगर उर्फ जितेंद्र, निवासी सैंथा थाना गजनेर, कानपुर देहात (हाल निवासी जसपुर थाना जसपुर जिला बांदा), फरार चल रहा था। निर्भय गुर्जर के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से वह भूमिगत हो गया था।
डौकी पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर रविवार रात करीब एक बजे नगला देवहंस के पास से आरोपी को गिरफ्तार किया। उसके कब्जे से एक तमंचा और कारतूस बरामद हुए हैं। आरोपी कई राज्यों और जिलों में पहचान छिपाकर रह रहा था, जिसमें गुजरात, पंजाब, महाराष्ट्र, कानपुर, बांदा, फिरोजाबाद, फतेहपुर आदि शामिल हैं। वह हर छह माह में मोबाइल नंबर बदल लेता था। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए 500 रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये तक इनाम घोषित किया था।
गैंग का तरीका: रेकी से अपहरण, बीहड़ में सौंपना
आरोपी ने पूछताछ में कबूल किया कि वह निर्भय गुर्जर गैंग से जुड़ा था। पैसे वाले लोगों की रेकी करता, अपहरण कर चंबल के बीहड़ में निर्भय गुर्जर को सौंप देता। फिरौती वसूली पर उसे हिस्सा मिलता। बताया कि थाना डौकी क्षेत्र में एक दूध व्यापारी के अपहरण की रेकी करने आया था। उसके बड़े भाई की पत्नी और बच्चे बांदा में रहते हैं, जिनके भरण-पोषण की जिम्मेदारी उसी की थी। इसलिए वह अक्सर वहां जाया करता था।
डौकी पुलिस पिछले एक महीने से आरोपी की तलाश में कई राज्यों में दबिश दे रही थी। गिरफ्तार करने वाली टीम को 25 हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा। यह गिरफ्तारी चंबल क्षेत्र में पुराने अपराधियों के खिलाफ पुलिस की सतर्कता को दर्शाती है।