• अलीगंज में अलम-ए-मुबारक का जुलूस निकाला गया।
• “या हुसैन… या अली” की सदाओं से गूंज उठा माहौल।
• हज़रत इमाम हुसैन और 72 शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि।
• ड्रोन कैमरों से रखी गई जुलूस मार्ग पर कड़ी निगरानी।
• सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनज़र पुलिस-प्रशासन रहा अलर्ट।
• मेवाती मोहल्ला से शुरू होकर कस्बे भर में निकला जुलूस।
• उप जिलाधिकारी, सीओ, तहसीलदार समेत प्रमुख लोग रहे मौजूद।
रिपोर्ट 🔹सुनील गुप्ता
अलीगंज (एटा)। अलीगंज क्षेत्र में शनिवार को अलम-ए-मुबारक का जुलूस पूरे अकीदत और मातमी माहौल के बीच निकाला गया। जुलूस में अकीदतमंदों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। हर गली और चौराहे पर ‘या हुसैन… या अली’ की सदाएं गूंजती रहीं। हज़रत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की शहादत को याद करते हुए अकीदतमंदों ने शहीदों को खिराज-ए-अकीदत पेश किया।

जुलूस का यह सिलसिला मेवाती मोहल्ला से शुरू होकर टपकान टोला, कुंचा दायमा खां, गांधी मूर्ति चौराहा, गंगा दरवाजा और काजी मोहल्ला से होता हुआ मेवाती मोहल्ला पर समापन तक जारी रहा। कस्बे में छड़ तथा अलम-बुर्राक के जुलूस परंपरागत तरीके से निकाले गए।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम
अलम के जुलूस के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा। ड्रोन कैमरे से जुलूस मार्ग की निगरानी की गई। किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नज़र बनाए रखने के लिए पुलिस बल लगातार गश्त करता रहा।

प्रमुख लोग रहे मौजूद
इस मौके पर उप जिलाधिकारी अलीगंज जगमोहन गुप्ता, क्षेत्राधिकारी नीतिश गर्ग, तहसीलदार संजय कुमार, कोतवाली प्रभारी निरीक्षक निर्दोष सिंह सेंगर, जेई इंतजार ख़ां, बसपा नेता जुनैद मियां, हाफ़िज़ नूर हसन, इक़बाल ख़ान, असलम मियां, जमील अहमद, इमरान ख़ान, और जमाल समेत मुस्लिम समुदाय के अन्य लोग मौजूद रहे।
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