नई दिल्ली: देश के चीफ जस्टिस बीआर गवई पर सोमवार एक वकील ने जूता फेंकने की कोशिश की। रिपोर्ट के अनुसार यह वकील हंगामा करते हुए सीजेआई के बिल्कुल करीब पहुंच गया था। इस दौरान वकील ने ‘सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान’ का नारा भी लगाया।

जूता फेंकने की कोशिश करने वाले का नाम राकेश किशोर बताया जाता है। आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है। यह पूरी घटना सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट रूम में हुई। हालांकि, हंगामे के बाद कोर्ट रूम में सुनवाई जारी रही। माना जा रहा है कि वकील सीजेआई की भगवान विष्णु पर टिप्पणी को लेकर नाराज था।

आरोपी वकील से हो रही पूछताछ

सुप्रीम कोर्ट में नई दिल्ली जिले के DCP देवेश माहला के साथ सुप्रीम कोर्ट सिक्योरिटी के DCP जितेंद्र मनी भी मौजूद हैं। आरोपी वकील से पूछताछ की जा रही है।

शांत बने रहे सीजेआई, बोले— ‘ऐसी घटनाओं से फर्क नहीं पड़ता’

इस दौरान जस्टिस गवई पूरी तरह शांत रहे। वकील राकेश किशोर को कोर्ट स्टाफ ने पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया। इसके बाद जस्टिस गवई ने कहा कि उन्हें इस तरह की घटनाओं से कोई फर्क नहीं पड़ता है। आप लोग अपनी दलीलें जारी रखें।

खजुराहो के जावरी मंदिर से जुड़ा था मामला

इससे पहले सितंबर में जस्टिस बीआर गवई ने भगवान विष्णु की प्रतिमा के पुनर्निर्माण के मामले में अपनी टिप्पणियों की सोशल मीडिया पर हुई आलोचना के मद्देनजर कहा था कि वह ‘सभी धर्मों’ का सम्मान करते हैं। दरअसल, सीजेआई ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि यह पूरी तरह से प्रचार पाने के लिए दायर याचिका है… जाकर स्वयं भगवान से कुछ करने के लिए कहिए। अगर आप कह रहे हैं कि आप भगवान विष्णु के प्रति गहरी आस्था रखते हैं, तो प्रार्थना करें और थोड़ा ध्यान लगाएं।’

भगवान विष्णु के मंदिर से जुड़ी याचिका की थी खारिज

सीजेआई की इस टिप्पणी की व्यापक रूप से आलोचना हुई थी। इसे हिंदू आस्था का मजाक बताया गया था। इस प्रतिक्रिया के बाद उनके खिलाफ महाभियोग चलाने की ऑनलाइन मांग शुरू हो गई थी। आलोचकों ने उन पर धार्मिक भावनाओं और न्यायपालिका की गरिमा का अनादर करने का आरोप लगाया था।

सुप्रीम कोर्ट ने यूनेस्को की विश्व विरासतों में शुमार मध्य प्रदेश में स्थित खजुराहो मंदिर के परिसर में मौजूद जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की सात फुट ऊंची प्रतिमा को पुन: स्थापित करने के अनुरोध से जुड़ी एक याचिका खारिज कर दी थी।

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