एटा। निधौली कलां के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में रिश्वतखोरी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि रिश्वत न देने के कारण डॉक्टरों की लापरवाही से एक नवजात बच्ची की मौत हो गई। घटना के बाद गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने सीएचसी पर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ), एटा ने मामले में जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
क्या है पूरा मामला?
पृथ्वीपुर, विकासखंड निधौली कलां निवासी सुनील कुमार की पत्नी अर्चना को बुधवार शाम 4:00 बजे प्रसव के लिए निधौली कलां सीएचसी में भर्ती कराया गया था। गुरुवार तड़के 4:00 बजे अर्चना ने एक बच्ची को जन्म दिया। परिजनों का आरोप है कि जन्म के बाद डॉक्टर और सफाई कर्मचारियों ने ₹1,500 की रिश्वत मांगी। रिश्वत देने में असमर्थता जताने पर कर्मचारियों ने धमकी दी कि “गुरुवार रात 4:00 बजे तक आपकी बच्ची खत्म हो जाएगी।”
आरोपों के अनुसार, गुरुवार रात 2:00 बजे नवजात बच्ची ने दम तोड़ दिया। मृतक बच्ची के पिता संजीव कुमार ने बताया कि सीएचसी में प्रत्येक प्रसव के लिए परिजनों से ₹2,000 से ₹4,000 तक रिश्वत मांगी जाती है। रिश्वत न देने पर मां और बच्चे के साथ लापरवाही की जाती है, जिसके परिणामस्वरूप उनकी बच्ची की जान चली गई।
परिजनों और ग्रामीणों का आक्रोश
बच्ची की मौत के बाद गुस्साए परिजन और ग्रामीण स्वामीनारायण स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर इकट्ठा हो गए और धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने रिश्वत लेने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की और चेतावनी दी कि यदि दोषियों को सजा नहीं मिली तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे।
परिजनों ने बताया कि उन्होंने रात 5:00 बजे सीएचसी के अधीक्षक डॉ. अनुज कुमार सिंह को फोन करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। यह गंभीर लापरवाही का मामला माना जा रहा है, क्योंकि सीएचसी में 24 घंटे इमरजेंसी ड्यूटी की व्यवस्था होनी चाहिए।
सीएमओ का आश्वासन
पीड़ित परिवार ने मामले की शिकायत सीएमओ, एटा को दर्ज कराई है। सीएमओ ने त्वरित जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है। हालांकि, अभी तक कोई ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द ही दोषियों को दंडित नहीं किया गया, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।
रिश्वतखोरी का पुराना इतिहास?
संजीव कुमार ने आरोप लगाया कि निधौली कलां सीएचसी में रिश्वतखोरी का यह कोई नया मामला नहीं है। प्रत्येक प्रसव के दौरान परिजनों से रिश्वत मांगी जाती है, और इसका विरोध करने वालों के साथ जानबूझकर लापरवाही की जाती है। इस घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
आगे क्या?
यह मामला न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है। जनता की नजरें अब सीएमओ और प्रशासन पर टिकी हैं कि वे इस गंभीर मामले में क्या कार्रवाई करते हैं। ग्रामीणों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे इस मामले को यूं ही नहीं छोड़ेंगे और दोषियों को सजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
_________________🔹रिपोर्ट -सुनील गुप्ता