नई दिल्ली। बिहार जाने का सपना देख रहे हैं? पहले अपने धैर्य का टेस्ट कर लें। रेलवे ने देश भर में 12 हजार स्पेशल ट्रेनें तो चला दी हैं, लेकिन बिहार का टिकट पाना वैसे ही मुश्किल है जैसे मछली को सूखी नदी में ढूंढना।
छठ और दीपावली के मौके पर दिल्ली, मुंबई और गुजरात से पटना आने वाले यात्रियों के लिए कंफर्म टिकट एक सपना बनकर रह गया है। सभी ट्रेनों में सीटें इतनी भरी हुई हैं कि रिजर्वेशन बोगी में भी यात्री “कंधे से कंधा मिलाकर” खड़े हैं शायद यही नया सोशल डिस्टेंसिंग का नियम है!
दिल्ली से पटना जाने वाली महानंदा एक्सप्रेस, अमृत भारत एक्सप्रेस, दानापुर और पाटलिपुत्र फेस्टिवल स्पेशल सहित तमाम ट्रेनों में अब तक कोई सीट खाली नहीं है। मुंबई से पटना जाने वाली ट्रेनें भी “नो रूम” के बोर्ड की तरह यात्रियों से भरी हैं।
सभी प्रमुख ट्रेनों की सीटें पूरी तरह भर चुकी हैं, और रेगुलर ट्रेनों में वेटिंग टिकट भी उपलब्ध नहीं हैं।
दिल्ली से पटना जाने वाली ट्रेनों में महानंदा एक्सप्रेस, अमृत भारत एक्सप्रेस, दानापुर फेस्टिवल स्पेशल, पाटलिपुत्र फेस्टिवल स्पेशल, दिल्ली–मालदा टाउन एक्सप्रेस, हावड़ा दूरंतो एक्सप्रेस, भगत की कोठी–कोलकाता एक्सप्रेस, आनंद विहार–मालदा टाउन एक्सप्रेस, सीमांचल एक्सप्रेस, मधुपुर हमसफर एक्सप्रेस और नई दिल्ली–सिलचर एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में 30 अक्टूबर तक कोई खाली सीट नहीं है।
इसी तरह, मुंबई से पटना के बीच चलने वाली पाटलिपुत्र एक्सप्रेस, एलटीटी–दानापुर स्पेशल एक्सप्रेस, सीएसएमटी–पटना सुपरफास्ट एक्सप्रेस, एलटीटी–गोड्डा एक्सप्रेस, बांद्रा टर्मिनस–पटना सुपरफास्ट एक्सप्रेस, सहरसा हमसफर एक्सप्रेस, लोकमान्य तिलक–गुवाहाटी एक्सप्रेस, सीएसएमटी–आसनसोल एक्सप्रेस, लोकमान्य तिलक–भागलपुर एक्सप्रेस, लोकमान्य तिलक–राजगीर एक्सप्रेस, लोकमान्य तिलक–रक्सौल सुपरफास्ट स्पेशल, सहरसा–अमृतसर एक्सप्रेस और सहरसा–अमृत भारत एक्सप्रेस समेत सभी ट्रेनों में सीटें पूरी तरह भरी हुई हैं।
रेलवे लगातार स्पेशल ट्रेनों की घोषणा कर रहा है, लेकिन लगता है कि बिहार का टिकट जैसे ही छुट्टा हुआ, वह भी तुरंत भर जाता है। इस बार बिहार आने वालों को अपनी “सैर का सपना” भूल कर “रेलवे की माया” का दर्शन करना पड़ेगा।