मुरैना/मप्र।  मध्य प्रदेश विधानसभा के हालिया सत्र में मुरैना के लोकप्रिय विधायक दिनेश गुर्जर ने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में व्यापम घोटाले और पुलिस भर्ती प्रक्रिया में हुई कथित धांधली के खिलाफ अनोखा विरोध प्रदर्शन किया।

विधायक गुर्जर ने प्रतीकात्मक रूप से पुलिस की वर्दी पहनकर विधानसभा परिसर में नारेबाजी की और भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का आरोप लगाया। इस प्रदर्शन के जरिए उन्होंने मध्य प्रदेश में युवाओं के भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ को उजागर करने की कोशिश की।

पुलिस भर्ती में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का आरोप

विरोध प्रदर्शन के दौरान विधायक दिनेश गुर्जर ने बताया कि मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली सामने आई है। उनके अनुसार, असली उम्मीदवारों की जगह नकली सॉल्वरों ने परीक्षा दी। जांच में फोटो, हस्ताक्षर, हैंडराइटिंग और फिंगरप्रिंट का मिलान न होने के बावजूद फर्जी आधार कार्ड के जरिए 7411 पदों की भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी की गई। उन्होंने इसे “व्यापम पार्ट 2” करार देते हुए कहा कि यह घोटाला नेताओं, वरिष्ठ अधिकारियों और बिचौलियों की मिलीभगत से हुआ है।

निष्पक्ष जांच और दोषियों को सजा की मांग

विधायक गुर्जर ने प्रेस के माध्यम से सरकार से मांग की कि इस घोटाले की निष्पक्ष न्यायिक जांच की जाए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए। उन्होंने कहा, “मध्य प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के साथ यह अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम सड़क से लेकर सदन तक न्याय की लड़ाई लड़ेंगे।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि भविष्य में व्यापम द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए ताकि प्रदेश के शिक्षित युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें।

कांग्रेस का जोरदार प्रदर्शन

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा परिसर में इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। सिंघार ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार को संरक्षण देकर सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने मांग की कि इस घोटाले की सीबीआई जांच हो और परीक्षा को रद्द कर पुनः आयोजित किया जाए।

पिछले व्यापम घोटाले की गूंज

व्यापम घोटाला मध्य प्रदेश में पहले भी सुर्खियों में रहा है। 2007-08 में स्थानीय निधि लेखा परीक्षक की रिपोर्ट में कई अनियमितताएं सामने आई थीं, जिसमें आवेदन पत्रों का अनधिकृत निपटान शामिल था। 2013 में विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने कई अन्य परीक्षाओं में धांधली का खुलासा किया था। 2015 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इसकी जांच सीबीआई को सौंपी गई थी।

युवाओं के लिए न्याय की मांग

विधायक दिनेश गुर्जर ने कहा कि मध्य प्रदेश के युवा इस घोटाले के सबसे बड़े शिकार हैं। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। इस प्रदर्शन ने न केवल मुरैना बल्कि पूरे प्रदेश में युवाओं के बीच इस मुद्दे को लेकर चर्चा छेड़ दी है।

जिला ब्यूरो चीफ, मुरैना: मुहम्मद इसरार खान

"गांव से शहर तक, गलियों से सड़क तक- आपके इलाके की हर धड़कन को सुनता है "जिला नजर" न्यूज़ नेटवर्क: नजरिया सच का

Exit mobile version