आगरा। नगर निगम द्वारा हेमा पेट्रोल पंप से पश्चिमपुरी चौराहे तक किए गए सड़क निर्माण में सामने आए कथित घोटाले के मामले में बुधवार को एक नया मोड़ आ गया। अधिकारियों की उदासीनता को देखते हुए पक्ष और विपक्ष के पार्षदों के साथ आमजन की मांग को देखते हुए महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाह ने खुद अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए जांच कमेटी गठित कर दी। इससे आने वाले दिनों में महापौर और नगरायुक्त के बीच और अधिक टेंशन बढ़ सकती है।

बीते दिनों उजागर हुए इस कथित घोटाले को लेकर नगर निगम में माहौल काफी गर्म था। सदन में पार्षदों द्वारा हंगामा किया गया था और पूरे मामले की जांच करने के लिए भाजपा पार्षदों ने मांग की थी, इसके बाद महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाह ने सदन में नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल से जांच कमेटी गठित करके पूरे प्रकरण की जांच करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद महापौर ने खुद मौके पर जाकर निगम के अधिकारियों के साथ सड़क का स्थलीय निरीक्षण किया था, जिसमें सड़क निर्माण और क्षेत्रीय लोगों द्वारा बातचीत के आधार पर काफी गड़बड़ियां पाई गई थीं।

महापौर द्वारा नगरायुक्त को कमेटी गठित करके जांच कमेटी गठित करने के निर्देश दिए थे। लेकिन निगम के अधिकारियों द्वारा इस मामले में कोई जांच कमेटी गठित न करने और उदासीनता दिखाने पर महापौर ने खुद ही अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए जांच कमेटी गठित कर दी।  महापौर ने बुधवार को नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल को लिखे पत्र में लिखा है कि मीडिया द्वारा उजागर किए गए सड़क निर्माण में गड़बड़ी के मामले महापौर ने द्वारा दिनांक 24.11.2025 एवं दिनांक 26.11.2025 पत्र लिखा गया था। जिनका सन्दर्भ ग्रहण करें जिसके द्वारा वर्णित प्रकरण की जाँच कमेटी गठित कराते हुए तीन दिन में आख्या उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये थे। वर्णित प्रकरण में आपके स्तर से कमेटी गठित न किया जाना नगर निगम की उदासीनता परिलक्षित हो रही है तथा जन-सामान्य एवं सम्मानित पार्षदों के मध्य पारदर्शिता प्रदर्शित नहीं हो पा रही है तथा नगर निगम की छवि धूमिल हो रही है।

पत्र में लिखा है कि उन्होंने  सम्मानित पार्षदों एवं अभियंत्रण विभाग के अधिकारियों के साथ हेमा पेट्रोल पम्प से पश्चिमपुरी को जाने वाले मार्ग एवं रोड पटरी तथा नाले का निरीक्षण भी किया था जिसमें मौके पर भ्रष्टता की परतें खुलती पायी गयी जिसका समाचार पत्रों में प्रकाशन भी हुआ है। वर्तमान में नगर निगम की ओर से कार्यवाही न होने के कारण नगर निगम की जनता के मध्य विश्वस्नीयता कम हो रही है। अतः नगर निगम की छवि धूमिल न हो, जन सामान्य के मध्य कार्यो की पारदर्शिता बनी रहे, जिसके दृष्टिगत सम्मानित पार्षदों एवं अधिकारियों की संयुक्त कमेटी गठित की जाती है।

यह कमेटी तीन दिवस में वर्णित प्रकरण की स्पष्ट जांच  करते हुए अधोहस्ताक्षरी को अपनी जॉच आख्या प्रस्तुत करेगी। इस सम्बन्ध में आप आज ही अपने स्तर से गठित कमेटी के अधिकारियों को निर्देशित करना सुनिश्चित करें तथा  पार्षदों को भी पत्राचार के माध्यम से सूचित करें। महापौर ने पार्षद हेमंत प्रजापति, विपक्षी पार्षद यशपाल सिंह,  पार्षद प्रवीना राजावत, पार्षद रवि करौतिया, पार्षद वीरेंद्र लोधी, अपर नगर आयुक्त, नगर निगम आगरा, मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी, नगर निगम आगरा और अधिशासी अभियन्ता अरविन्द श्रीवास्तव को जांच कमेटी में शामिल किया है।

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