मथुरा। कथावाचक अनिरुद्धाचार्य द्वारा व्यास पीठ से बैठकर पत्रकारों पर की गई कथित अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर मथुरा के पत्रकारों में भारी रोष देखने को मिला। गुरुवार को सैकड़ों की संख्या में पत्रकार हाथों में तख्तियां और बांह पर काली पट्टी बांधकर सड़कों पर उतरे और “अनिरुद्धाचार्य मुर्दाबाद” के नारे लगाते हुए जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचे।प्रदर्शन कर रहे पत्रकारों ने जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा और कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की। पत्रकारों का कहना है कि व्यास पीठ जैसे पवित्र मंच से पत्रकार समाज के लिए इस तरह की भाषा निंदनीय है और इससे समाज में गलत संदेश गया है।ज्ञापन सौंपने के दौरान पत्रकारों ने बताया कि कुछ दिन पूर्व वृंदावन स्थित गौरी गोपाल आश्रम में कथा के दौरान अनिरुद्धाचार्य ने पत्रकारों को लेकर आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया था। कथावाचक ने कथित रूप से कहा था कि पत्रकार “मंथरा का कार्य कर रहे हैं”, “पत्रकार किसी के सगे नहीं होते”, “करोड़ों रुपये में बिक जाते हैं” और यहां तक कि पत्रकारों पर हत्या जैसे गंभीर आरोप भी लगाए थे।इस बयान के बाद पत्रकार समाज में आक्रोश फैल गया। प्रदर्शनकारी पत्रकारों ने कहा कि इस तरह की टिप्पणी न केवल पत्रकारों की गरिमा को ठेस पहुंचाती है, बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का अपमान भी है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मामले में शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।वहीं इस पूरे मामले पर जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने पत्रकारों को आश्वासन देते हुए कहा कि ज्ञापन प्राप्त हो गया है और प्रकरण की जांच कर नियमानुसार अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।फिलहाल, पूरे मामले को लेकर मथुरा के पत्रकारों में जबरदस्त आक्रोश है और सभी की निगाहें प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।

राहुल गौड एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में कार्य करने का 10 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उत्तर प्रदेश के जनपद मथुरा में सक्रिय रहते हुए उन्होंने विभिन्न समाचार माध्यमों के लिए निष्पक्ष और प्रभावशाली रिपोर्टिंग की है। उनके कार्य में स्थानीय मुद्दों की गंभीर समझ और जनसरोकार से जुड़ी पत्रकारिता की झलक मिलती है।

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