पुणे/एजेंसी। महाराष्ट्र के पुणे में रविवार को अपराह्न तीन बजे एक लोहे का एक जर्जर पुल के ढहने से बड़ा हादसा हो गया। जर्जर होने के कारण इस पुल पर आवागमन रोका हुआ था। आज रविवार के दिन पिकनिक के उद्देश्य से यहां पहुंचे लोग इसी जर्जर पुल पर पहुंच गये। हादसे के वक्त पुल पर सवा सौ लोग मौजूद थे। पुल गिरने से 25 से 30 लोग इंद्रायणी नदी के तेज बहाव में बह गये। अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है जबकि दर्जनों अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें भी छह की हालत गंभीर बनी हुई है।
महाराष्ट्र में मानसून सक्रिय हो चुका है, इसलिए इंद्रायणी नदी में बहाव बहुत तेज है। पुल टूटने से नदी में बहे 25 से 30 लोगों की तलाश के लिए बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। इसमें नेवी की भी मदद ली जा रही है। इसके अलावा एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें भी सर्च ऑपरेशन में लगी हुई हैं। नदी में बड़ी संख्या में गोताखोरों को उतारा गया है, जो नदी में बहे लोगों को खोजने में जुटे हैं।
रेस्क्यू अभियान चुनौतीपूर्ण है क्योंकि जिस इंद्रायणी नदी में लोग बहे हैं, उसमें पानी बहुत अधिक है और बहाव भी तेज है। दिन छिपने के बाद अंधेरा होने से रेस्क्यू में दिक्कतें आ रही हैं। यह अंदाज लगा पाना मुश्किल हो रहा है कि नदी में बहे लोग बहकर कितनी दूर पहुंच गये हैं।
पुल के नीचे दबे कई लोगों को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया है। पुल के लोहे के स्ट्रक्चर को हटाने के लिए क्रेन मंगाई गई हैं। आशंका है कि नीचे कुछ और लोग दबे हो सकते हैं।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने पुणे के जिलाधिकारी से हादसे की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और कहा है कि इसके दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई और रेस्क्यू में किसी तरह की कोताही न बरतने के निर्देश दिए हैं।
स्थानीय प्रशासन और राहत दलों की टीमें लगातार मौके पर डटी हैं। नदी किनारे भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल लगाया गया है।
इस हादसे के बाद सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जब पुल जर्जर था और उस पर आवागमन प्रतिबंधित था तो फिर भी उस पर सवा सौ लोग कैसे पहुंच गये। यही नहीं, इसी जर्जर पुल से दोपहिया वाहन भी निकला करते थे। आखिर आवागमन को रोकने की जिम्मेदारी किसकी थी। बता दें कि इस जर्जर पुल की जगह नया पुल बनना था, जिसके लिए आठ करोड़ की धनराशि भी मंजूर हो चुकी थी। लोहे का जो पुल ढहा है, उसका निर्माण अंग्रेजों के समय हुआ था।