नई दिल्ली/एजेंसी। राजस्थान के झालावाड़ जिले में एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से 10 बच्चों की दुखद मौत के बाद शिक्षा मंत्रालय ने देश भर के स्कूलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़ा कदम उठाया है। मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी कर स्कूलों में अनिवार्य सुरक्षा ऑडिट कराने का आदेश दिया है। इस ऑडिट में भवनों की संरचनात्मक मजबूती, अग्नि सुरक्षा, आपातकालीन निकासी व्यवस्था, प्राथमिक चिकित्सा, और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता देने पर जोर दिया गया है।
शिक्षा मंत्रालय ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “बच्चों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। स्कूल बच्चों के लिए एक सुरक्षित स्थान होना चाहिए, जहां वे बिना किसी भय के पढ़ाई कर सकें।” मंत्रालय ने सभी स्कूलों को 2021 के सुरक्षा दिशा-निर्देशों और 2016 के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए यह ऑडिट जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही, मंत्रालय ने स्थानीय अधिकारियों, जैसे एनडीएमए, अग्निशमन सेवाओं, पुलिस और चिकित्सा एजेंसियों के साथ सहयोग को मजबूत करने पर बल दिया है ताकि मॉक ड्रिल और प्रशिक्षण सत्र नियमित रूप से आयोजित किए जा सकें।
झालावाड़ हादसा बना सबक
झालावाड़ के पीपलोदी में शुक्रवार को हुए इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया। स्कूल में उस समय करीब 60 बच्चे मौजूद थे, जब जर्जर इमारत की छत अचानक ढह गई। इस घटना में 10 बच्चों की जान चली गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि स्कूल भवन की स्थिति पहले से ही खराब थी, और स्थानीय अधिकारियों द्वारा इसकी अनदेखी की गई। शिक्षा मंत्रालय ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
मानसिक स्वास्थ्य और रिपोर्टिंग तंत्र पर जोर
सुरक्षा ऑडिट के तहत न केवल भौतिक सुरक्षा, बल्कि छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता दी जाएगी। मंत्रालय ने स्कूलों में परामर्श सेवाएं, सहकर्मी सहायता प्रणाली और सामुदायिक सहभागिता जैसे कदमों को लागू करने का सुझाव दिया है। इसके अलावा, माता-पिता, अभिभावकों, सामुदायिक नेताओं और स्थानीय निकायों को असुरक्षित परिस्थितियों की त्वरित रिपोर्टिंग के लिए प्रोत्साहित किया गया है। किसी भी खतरनाक स्थिति की जानकारी 24 घंटे के भीतर संबंधित राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के प्राधिकरण को दी जानी होगी।
राज्यों को तत्काल कार्रवाई के निर्देश
शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा विभागों, स्कूल बोर्डों और संबद्ध अधिकारियों को बिना किसी देरी के इन उपायों को लागू करने का निर्देश दिया है। मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी करने वाले संस्थानों और अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, भविष्य में नियमित अंतराल पर सुरक्षा ऑडिट को अनिवार्य करने की योजना है ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
उत्तराखंड ने भी उठाया कदम
झालावाड़ हादसे के बाद उत्तराखंड सरकार ने भी त्वरित कार्रवाई करते हुए राज्य के सभी स्कूल भवनों और पुलों का सुरक्षा ऑडिट कराने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को जर्जर भवनों में बच्चों को न बैठाने और मरम्मत या पुनर्निर्माण की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
यह कदम देश भर में स्कूलों को सुरक्षित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करना और ऐसी दुखद घटनाओं को दोबारा होने से रोकना है।
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