मैनपुरी: मैनपुरी के थाना घिरोर और औंछा पुलिस ने मंगलवार रात गो-तस्करों के खिलाफ साहसिक कार्रवाई की। जंगल में दबिश के दौरान दो बार मुठभेड़ हुई, जिसमें दो तस्करों के पैर में गोली लगी। 10 अन्य साथियों को असलहा सहित गिरफ्तार किया गया। एसपी ग्रामीण राहुल मिठास ने रातभर ऑपरेशन को लीड करते हुए 80 से अधिक गोवंश को मुक्त कराया। यह कार्रवाई राजस्थान से आए तस्करों के नेटवर्क को ध्वस्त करने वाली है, जो मैनपुरी-आगरा-फिरोजाबाद रूट पर सक्रिय थे।
घटना का क्रमबद्ध विवरण:
- सूचना और पहली मुठभेड़: मंगलवार रात मुखबिर से फाजिलपुर जंगल (घिरोर क्षेत्र) में गो-तस्करों की मौजूदगी की टिप मिली। एसपी ग्रामीण राहुल मिठास, थानाध्यक्ष घिरोर अनुज चौहान, प्रभारी निरीक्षक औंछा और टीम मौके पर पहुंची। जंगल में गोवंश दिखते ही तस्करों ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की।
- दो तस्कर घायल: मुठभेड़ में तस्कर इधर-उधर भागे। दो के पैर में गोली लगी—बाबूलाल (गोबरिया बाव-कच्ची बस्ती, थाना अनंतपुरा, कोटा, राजस्थान) और शंकर (शांतिनगर, कोटा)। इन्हें गिरफ्तार कर अस्पताल भेजा गया।
- अतिरिक्त गिरफ्तारियां: पूछताछ में दो और साथी पकड़े गए—मुकेश (सुतड़ा धनेसर, थाना दाबी, बूंदी, राजस्थान) और अजय (कर्मकापुरा, थाना रानू, कोटा, राजस्थान)। चारों के कब्जे से 4 तमंचे और कारतूस बरामद।
- गोवंश मुक्ति: मौके से 80+ गोवंश मुक्त कर ग्रामीणों को सौंपे गए।
दूसरी मुठभेड़: जसराना बॉर्डर पर धर पकड़
- भागे तस्करों की तलाश में टीम जंगल से औंछा क्षेत्र के नाहिल कठेगरा-जसराना बॉर्डर पहुंची। वहां तस्करों ने फिर फायरिंग की। करीब एक घंटे की मुठभेड़ में 8 तस्कर पकड़े गए:
- मदन, सरदार, राजू, लक्ष्मण, बबलू (कलमकुकुआ, थाना रणपुर)।
- भरत, ओमकार (शांति नगर, बूंदी)।
- वीरभान सिंह (कोंडी डाबी, बूंदी, राजस्थान)।
- इनके कब्जे से 4 तमंचे और कारतूस बरामद।
एसपी ग्रामीण का बयान:
बुधवार को पुलिस लाइन में प्रेसवार्ता में राहुल मिठास ने कहा, “यह राजस्थान से आया बड़ा नेटवर्क था। तस्करों का आपराधिक इतिहास लंबा है—वे गोवंश को क्रूरता से तस्करी करते थे। पशु क्रूरता अधिनियम और तस्करी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज। आगे भी ऐसी कार्रवाइयां जारी रहेंगी।” उन्होंने टीम को बधाई दी।
पृष्ठभूमि और प्रभाव:
- तस्करों का रूट: ये राजस्थान (कोटा, बूंदी) से मैनपुरी होते हुए आगरा-फिरोजाबाद ले जाते थे। हाल ही में यूपी में गो-तस्करी के खिलाफ अभियान तेज है, जिसमें सैकड़ों गोवंश मुक्त हो चुके हैं।
- स्थानीय राहत: ग्रामीणों ने पुलिस की तारीफ की। एक ग्रामीण ने कहा, “रातभर जंगल में सतर्कता से अपराध रोका।”
| मुठभेड़ विवरण | स्थान | गिरफ्तार | घायल | बरामदगी | गोवंश मुक्त |
|---|---|---|---|---|---|
| पहली | फाजिलपुर जंगल | 4 | 2 | 4 तमंचे, कारतूस | 80+ |
| दूसरी | नाहिल कठेगरा-जसराना | 8 | 0 | 4 तमंचे, कारतूस | – |
| कुल | – | 12 | 2 | 8 असलहे | 80+ |






