फतेहाबाद/आगरा: निबोहरा क्षेत्र के धरियाई गांव में तेंदुए का आतंक अभी भी खत्म नहीं हुआ है। कई दिनों से ग्रामीण रातभर जागकर अपने खेतों और परिवार की सुरक्षा कर रहे हैं। सोमवार को जब वन विभाग की टीम गांव पहुँची तो ग्रामीणों को उम्मीद जगी कि शायद अब समस्या का समाधान होगा, लेकिन टीम बिना कोई ठोस कार्रवाई किए लौट गई जिससे ग्रामीणों में निराशा और रोष फैल गया।
ग्रामीणों ने वन दरोगा मायाराम से आग्रह किया कि वे खेतों में जाकर तेंदुए के पैरों के निशान देखें और आवश्यक कार्रवाई करें। वे खुद भी उनके साथ खेतों में चलने को तैयार थे, लेकिन दरोगा ने खेतों में प्रवेश नहीं किया। वे बाहर सड़क पर ही खड़े रहे, फोटो खिंचवाया और कुछ ही देर में टीम सहित वापस लौट गए।
इस व्यवहार से ग्रामीणों में गहरी नाराजगी है। मूंगाराम, खेमचंद, राम खिलाड़ी, जीवराम, गुलाब सिंह, घीराम, राजू, राधेश्याम, तुलाराम और मनोज जैसे ग्रामीणों ने कहा कि वन विभाग केवल दिखावा कर रहा है और तेंदुए को पकड़ने के लिए कोई वास्तविक प्रयास नहीं कर रहा। उनका कहना है कि जब विभाग ही मैदान में उतरने को तैयार नहीं है तो तेंदुए को पकड़ा कैसे जाएगा। वे रातभर जागकर अपने परिवारों की सुरक्षा कर रहे हैं जबकि विभाग की तरफ से कोई सहायता नहीं मिल रही।
गांव में बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा को लेकर लोगों में भय व्याप्त है। ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल प्रभावी कदम उठाने और तेंदुए को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाने की मांग की है। अभी तक तेंदुए का खतरा जस का तस बना हुआ है और ग्रामीण असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। यदि समय रहते उचित कार्रवाई नहीं की गई तो कोई अनहोनी घटित हो सकती है।
- रिपोर्ट – सुशील गुप्ता