लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा, कल्याण और सशक्तिकरण के लिए प्रभावी मॉडल स्थापित किया है। पिछले एक साल में योजनाओं से महिलाओं, किशोरियों और बालिकाओं के जीवन में ठोस बदलाव आया है – सुरक्षा, स्वावलंबन, सम्मान और अवसरों का व्यापक सामाजिक परिवर्तन।
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ: इस साल 13,612 गतिविधियों से करीब 25.5 लाख महिलाओं-बालिकाओं को जागरूक किया गया। बाल लिंगानुपात सुधार, लिंग चयन कुप्रथा समाप्त और शिक्षा-सुरक्षा पर फोकस।
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना: 130.03 करोड़ रुपये से 3.28 लाख कन्याओं को लाभ। जन्म से उच्च शिक्षा तक 6 चरणों में सहायता, बालिका शिक्षा और सामाजिक दृष्टिकोण में बदलाव।
निराश्रित महिला पेंशन: 38.58 लाख महिलाओं को मासिक सहायता, इस साल 1,200 करोड़ खर्च। रानी लक्ष्मीबाई कोष से 3,519 पीड़िताओं को 116.36 करोड़ क्षतिपूर्ति।
मिशन शक्ति (पांचवां चरण): 28 विभागों के सहयोग से 9 करोड़ लोगों तक पहुंच। “हक की बात जिलाधिकारी के साथ” और स्वावलंबन कैंप से महिलाएं समस्याएं साझा कर रही हैं।
त्वरित सहायता: 75+ वन स्टॉप सेंटर से 24,671 महिलाओं को मदद। 181 हेल्पलाइन से 56,507 को त्वरित सहायता।
सुरक्षित आवास: माता अहिल्याबाई हॉस्टल (7 जनपदों में 500 क्षमता), 8 छात्रावास निर्माणाधीन, शक्ति सदन, सखी निवास और कृष्ण कुटीर से महिलाओं को आश्रय।

