नई दिल्ली/एजेंसी। इमीडिएट पेमेंट सर्विस (IMPS) एक रियल-टाइम पेमेंट सर्विस है, जो 24×7 उपलब्ध होती है। इसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा संचालित किया जाता है। इस सर्विस के जरिए ग्राहक मोबाइल, इंटरनेट बैंकिंग, या ATM के माध्यम से कुछ ही सेकंड में बैंक खातों के बीच पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। यह एक सुरक्षित और किफायती तरीका है, जो त्वरित और विश्वसनीय लेनदेन सुनिश्चित करता है।
IMPS पर नए चार्ज लागू
अब IMPS के जरिए इंटरनेट या मोबाइल बैंकिंग से पैसे ट्रांसफर करना पहले से महंगा हो गया है। देश के कई प्रमुख बैंकों ने IMPS लेनदेन पर चार्ज बढ़ाने का फैसला लिया है, और ये नई दरें लागू हो चुकी हैं।
SBI: 25,000 रुपये तक के ट्रांसफर पर कोई चार्ज नहीं।
केनरा बैंक और पंजाब नेशनल बैंक: 1,000 रुपये तक के ट्रांसफर पर कोई शुल्क नहीं।
HDFC बैंक: 1,000 रुपये के ट्रांसफर पर आम ग्राहकों से 2.50 रुपये और वरिष्ठ नागरिकों से 2.25 रुपये शुल्क लिया जाएगा।
राशि बढ़ने के साथ चार्ज की दरें भी बढ़ेंगी।
क्यों है IMPS खास?
IMPS की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह तुरंत और किसी भी समय पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा देता है। यह न केवल व्यक्तिगत लेनदेन के लिए बल्कि छोटे व्यवसायों और आपातकालीन जरूरतों के लिए भी उपयोगी है। हालांकि, बढ़ते चार्ज के कारण ग्राहकों को अब अपने लेनदेन की योजना सावधानी से बनानी होगी।
अगर आप IMPS का उपयोग करते हैं, तो अपने बैंक की नई चार्ज दरें जरूर जांच लें ताकि आपको कोई अतिरिक्त शुल्क न झेलना पड़े।
(नोट: चार्ज की दरें और नियम समय-समय पर बदल सकते हैं। सटीक जानकारी के लिए अपने बैंक से संपर्क करें।)