लखनऊ: अयोध्या दीपोत्सव की भव्यता के बाद अब पर्यटन विभाग की नजर काशी की ‘देवों की दिवाली’ पर है। 5 नवंबर को होने वाली देव दीपावली को ऐतिहासिक बनाने की तैयारियां जोरों पर हैं। गंगा के दोनों तटों पर 25 लाख दीयों की रोशनी से 84 घाट जगमगा उठेंगे, जबकि थ्रीडी प्रोजेक्शन मैपिंग, लेजर शो और पर्यावरण अनुकूल आतिशबाजी पर्यटकों व श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर देंगी। उत्तर प्रदेश के पर्यटन व संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इस बार 10 लाख से अधिक श्रद्धालु और पर्यटक काशी पहुंचने की उम्मीद है, जिसके लिए सुरक्षा, यातायात और अन्य व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
देव दीपावली का भव्य आयोजन: रोशनी, कथा और तकनीक का संगम
देव दीपावली, जो कार्तिक पूर्णिमा पर मनाई जाती है, भगवान शिव द्वारा त्रिपुरासुर राक्षस पर विजय का प्रतीक है। इस दिन देवता गंगा स्नान के लिए काशी आते हैं, और घाटों पर दीयों की झिलमिलाहट से पावन कथा जीवंत हो उठती है। इस वर्ष का उत्सव और भी भव्य होगा:
- 25 लाख दीयों की रोशनी: 84 घाटों पर लगभग 25 लाख दीये जलाए जाएंगे। इनमें 10 लाख दीये राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे, जबकि शेष स्थानीय समितियों द्वारा। दीपदान की परंपरा से गंगा मां को अर्घ्य चढ़ाया जाएगा, जो पर्यटकों के लिए एक अविस्मरणीय दृश्य रचेगी।
- थ्रीडी प्रोजेक्शन मैपिंग और लेजर शो: 3 से 5 नवंबर तक चेत सिंह घाट और गंगा द्वार पर अत्याधुनिक शो का आयोजन होगा। 25 मिनट के इस अनुभव में 17 मिनट की प्रोजेक्शन मैपिंग और 8 मिनट का लेजर शो शामिल होगा। हिंदी संवादों के माध्यम से गंगा, काशी, भगवान शिव और देव दीपावली की पावन कथा को जीवंत किया जाएगा। यह तकनीकी चमत्कार पर्यटकों को काशी की आध्यात्मिक गहराई से जोड़ेगा।
- इको-फ्रेंडली आतिशबाजी: लगभग डेढ़ किलोमीटर क्षेत्र में 10 मिनट का फायर क्रैकर्स शो होगा, जो कंप्यूटर आधारित कोरियोग्राफी और पर्यावरण अनुकूल सामग्री से तैयार किया गया है। यह प्रदूषण कम रखते हुए उत्सव की चमक बढ़ाएगा।
मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, “हमारा प्रयास है कि देव दीपावली में काशी आने वाला हर आगंतुक इसे जीवन भर याद रखे। घाटों की सफाई, सौंदर्यीकरण और सुरक्षा व्यवस्था पर कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही।”
गंगा महोत्सव: 1 से 4 नवंबर तक सांस्कृतिक धमाल
देव दीपावली से ठीक पहले 1 से 4 नवंबर तक ‘गंगा महोत्सव’ का आयोजन होगा, जो काशी की समृद्ध परंपरा को प्रदर्शित करेगा। संस्कृति विभाग के समन्वय से स्थानीय कलाकार संगीत, नृत्य, लोक नाट्य और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से काशी की कला व विरासत की झलक पेश करेंगे। दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती, रंगोली प्रदर्शनियां और पारंपरिक बाजार पर्यटकों को आकर्षित करेंगे। महोत्सव में पारंपरिक व्यंजनों के स्टॉल भी लगेंगे, जो काशी की सांस्कृतिक विविधता को उजागर करेंगे।
अपेक्षित भीड़ और व्यवस्थाएं: 10 लाख से अधिक पर्यटक
इस वर्ष देव दीपावली पर 10 लाख से अधिक श्रद्धालु व पर्यटक काशी पहुंचने का अनुमान है। स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय में:
- सुरक्षा: अतिरिक्त पुलिस बल, ड्रोन निगरानी और सीसीटीवी कवरेज।
- यातायात: विशेष बसें, पार्किंग व्यवस्था और ट्रैफिक डायवर्जन।
- स्वास्थ्य: चिकित्सा शिविर और एम्बुलेंस तैनाती।
- पर्यावरण: इको-फ्रेंडली दीये और आतिशबाजी से प्रदूषण न्यूनतम।
पर्यटन विभाग ने बोट बुकिंग, होटल पैकेज और गाइडेड टूर्स के लिए ऑनलाइन पोर्टल भी लॉन्च किया है।
देव दीपावली: एक आध्यात्मिक यात्रा का न्योता
देव दीपावली न केवल रोशनी का त्योहार है, बल्कि आस्था, संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी। पिछले वर्ष 2024 में 17-21 लाख दीयों से जगमगाई काशी ने लाखों पर्यटकों को आकर्षित किया था। 2025 में 25 लाख दीयों का लक्ष्य इसे और भव्य बनाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि यह उत्सव काशी को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करेगा।






