आगरा। पूर्व विधायक आज़ाद कुमार कर्दम के घर चोरी के मामले में बरामद माल को लेकर पुलिस पर हेराफेरी के आरोप लगाए गए हैं। राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने पुलिस आयुक्त को भेजे शिकायत पत्र में कहा है कि इस पूरे प्रकरण में थाना लोहामंडी पुलिस ने कोर्ट को सही तथ्य नहीं बताए।

विगत 13 जनवरी 2025 की रात पूर्व विधायक कर्दम के घर उनके घरेलू नौकर रमन ने अलमारी का ताला तोड़कर एक लाख रुपये चोरी कर लिए थे। इसकी रिपोर्ट 16 जनवरी को थाना लोहामंडी में मुकदमा अपराध संख्या 6/25, धारा 306 बीएनएस में दर्ज कराई गई। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद सामने आया कि चोरी की रकम में से बचे हुए रुपये ऑटो गैंग ने रमन से लूट लिए थे।

थाना लोहामंडी पुलिस ने 16 जनवरी को ऑटो गैंग के तीन आरोपियों- दीपक निवासी टेडी बगिया, तथा कुनाल और करण निवासी नरायच को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उस समय प्रेस को बताया था कि आरोपियों से 20,000 रुपये नकद और एक ऑटो बरामद किया गया है।

उधर, गिरफ्तार आरोपियों की पहचान के लिए पुलिस द्वारा बुलाए जाने पर रमन ने बताया कि चोरी की रकम में से 15,000 रुपये का मोबाइल उसने खरीदा था, कुछ रकम शराब में खर्च कर दी और शेष पैसा ऑटो गैंग ने लूट लिया।

अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने 3 दिसंबर 2025 को एसीजेएम पंचम कोर्ट में बरामद माल रिलीज कराने के लिए प्रार्थना पत्र लगाया, जिस पर कोर्ट ने लोहामंडी पुलिस से रिपोर्ट मांगी और 5 दिसंबर की तिथि तय की।

कोर्ट में पुलिस द्वारा भेजी गई आख्या में कहा गया कि मुकदमे में अभियुक्त से सिर्फ 10,000 रुपये बरामद हुए हैं और उन्हें मालखाना दीवानी में जमा करा दिया गया है। लेकिन पहले समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों में पुलिस की जानकारी के अनुसार ऑटो गैंग से 20,000 रुपये और ऑटो बरामद हुआ था। पुलिस आख्या में 15,000 रुपये वाले मोबाइल का भी कोई उल्लेख नहीं है।
ऑटो गैंग से शेष पैसे बरामद कराए गए या नहीं, इसका भी कोई विवरण नहीं दिया गया।

शिकायत में रमाशंकर शर्मा ने पूछा कि अगर ऑटो गैंग से 20,000 रुपये बरामद किए गए थे तो कोर्ट में 10,000 रुपये बताने का क्या अर्थ है? बाकी 10,000 रुपये कहां गए? रमन से बरामद 15,000 रुपये की कीमत वाला मोबाइल पुलिस रिकॉर्ड में क्यों नहीं दिखाया गया? शेष रकम की बरामदगी के लिए पुलिस ने क्या प्रयास किए?

उन्होंने मांग की है कि पुलिस की संदिग्ध भूमिका की जांच कर कठोर कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी हेराफेरी न हो सके।

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