झाँसी। 15 नवंबर को झाँसी मेडिकल कॉलेज के स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में लगी आग में 10 शिशुओं की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि आग से बचाए गए नौ शिशुओं ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। अब तक मामले की पूरी जांच नहीं हुई है, जिसके कारण प्राथमिक जांच में दोषी पाए गए जिम्मेदारों पर कोई अंतिम कार्रवाई नहीं हो पाई है।
हादसे का संक्षिप्त विवरण
15 नवंबर को रात 10:20 बजे एसएनसीयू में आग लगी। घटना के बाद शासन ने मंडलायुक्त झाँसी बिमल कुमार दुबे को प्राथमिक जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया। मंडलायुक्त ने 16 नवंबर को शार्ट सर्किट के कारण आग लगने की रिपोर्ट दी।
इसके बाद महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य, किंजल सिंह के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम ने तीन दिन तक विस्तृत जांच की और रिपोर्ट शासन को सौंप दी।
जिम्मेदारों पर प्राथमिक कार्रवाई
महानिदेशक की रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन एसआईसी डॉ. सुनीता भदौरिया, नर्सिंग इंचार्ज संध्या, और जेई संजीत कुमार को निलंबित कर मुख्यालय से संबद्ध किया गया। तत्कालीन प्रधानाचार्य डॉ. एनएस सेंगर को भी महानिदेशक कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया। वहीं, बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. ओमशंकर चौरसिया, मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. कुलदीप चंदेल, और सीएमएस डॉ. सचिन माहुर की भूमिका की जांच की सिफारिश की गई थी।
जांच अभी अधूरी
कानपुर मंडलायुक्त के. विजयेंद्र पांडियन ने बताया कि शासन से चार जांच रिपोर्ट मांगी गई थीं, जिनमें से केवल एक विभागीय जांच रिपोर्ट ही मिली है। शेष तीन रिपोर्ट आने के बाद ही अंतिम फैसला और कार्रवाई की जा सकेगी।
- रिपोर्ट – नेहा श्रीवास






