झांसी: केंद्र सरकार द्वारा वित्तीय लेन-देन वाले मोबाइल गेमिंग ऐप्स पर सख्त प्रतिबंध लगाने के बावजूद साइबर दुनिया में धड़ल्ले से ऐसे ऐप्स उपलब्ध हैं, जो सट्टेबाजी और जीत-हार पर इनाम के झांसे में लोगों को फंसा रहे हैं। पुलिस अधिकारियों की जांच से खुलासा हुआ है कि झांसी में ही हर महीने करीब 100 करोड़ रुपये के दांव लगाए जा रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में नाबालिगों के इन ऐप्स के जाल में फंसकर आत्महत्या करने के कई मामले सामने आए हैं, जो ऑनलाइन गेमिंग के खतरे को उजागर कर रहे हैं।
प्रतिबंध के बाद भी ऐप्स का बाजार फल-फूल रहा
‘प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग एक्ट, 2025’ के तहत अगस्त 2025 में लोकसभा और राज्यसभा से पारित इस कानून ने वित्तीय लेन-देन वाले सभी ऑनलाइन गेम्स पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। कानून के अनुसार, रियल मनी गेम्स (जैसे फैंटेसी लीग, पोकर, रमी) में पैसे जमा करने, जीतने या विज्ञापन पर रोक है। उल्लंघन पर 3 साल की जेल, 1 करोड़ तक जुर्माना या दोनों हो सकता है। बैंकों को ऐसे लेन-देन रोकने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि, ड्रीम11, MPL जैसी कंपनियों ने पेड गेम्स बंद कर दिए हैं, लेकिन कई अनियमित ऐप्स अभी भी वेबसाइट्स से डाउनलोड हो रहे हैं।
झांसी में सूत्रों के अनुसार, 20 से अधिक स्थानीय प्लेटफॉर्म सक्रिय हैं, जहां सट्टे से लेकर विभिन्न दांव खेले जाते हैं। नए खिलाड़ियों को पहले गेम जिताकर लालच बढ़ाया जाता है, फिर मोटी रकम लगवाकर हरा दिया जाता है। जीती रकम बैंक में तुरंत ट्रांसफर करने का झांसा देकर लोग आदी हो जाते हैं। विज्ञापन मुख्यतः टेलीग्राम चैनलों, फेसबुक और इंस्टाग्राम फीड्स पर चलते हैं।
दुबई से संचालित गिरोह, पुलिस की कार्रवाई जारी
पिछले महीने झांसी पुलिस ने ऑनलाइन सट्टा गिरोह का पर्दाफाश किया, जिसमें 6 संचालकों को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में पता चला कि गैंग का सरगना दुबई में बैठा है, जो ऐप्स और ऑनलाइन पेमेंट से नेटवर्क चलाता है। भारत से कमाई दुबई भेजी जाती है। मथुरा के दो आरोपी कृष्णा और योगेश, जो दुबई से प्रशिक्षित हैं, गिरफ्तार हुए। एसपी सिटी प्रीति सिंह ने कहा, “शिकायत मिलते ही ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई होती है। साइबर टीम निगरानी बढ़ा रही है।”
राष्ट्रीय स्तर पर 2022 से जून 2025 तक 1,524 अवैध ऐप्स ब्लॉक किए गए हैं। महादेव ऐप जैसे प्लेटफॉर्म्स पर सट्टेबाजी के कई केस सामने आए, जहां दुबई कनेक्शन पाया गया।
नाबालिगों पर खतरा: आत्महत्या के मामले बढ़े
पिछले कुछ महीनों में नाबालिगों के गेमिंग ऐप्स के चक्कर में आत्महत्या करने के मामले झांसी सहित यूपी में बढ़े हैं। लत लगने से वित्तीय नुकसान और पारिवारिक कलह बढ़ रही है। कानून ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स (बिना पैसे के) को बढ़ावा देता है, लेकिन अवैध ऐप्स का बाजार फल-फूल रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि सालाना 20,000 करोड़ का नुकसान हो रहा है, जिसमें 45 करोड़ लोग फंसे हैं।
- रिपोर्ट – नेहा श्रीवास






